दिल्ली में बुजुर्गों के लिए जानलेवा बना कोरोना, 5 दिनों में 46 की मौत, 50 फीसदी मरनेवालों की उम्र 60 से उपर
By अनिल शर्मा | Published: January 11, 2022 10:21 AM2022-01-11T10:21:33+5:302022-01-11T10:31:45+5:30
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना ने तेज रफ्तार पकड़ ली है। राज्य में 20 हजार से उपर दैनिक मामले सामने आ रहे हैं। वहीं पिछले 5 दिनों में 46 लोगों की जान संक्रमण से चली गई। इनमें मरनेवाले 50 फीसदी की उम्र 60 से उपर थी।
नयी दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना बुजुर्गों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। दिल्ली सरकार द्वारा जारी कोविड -19 मौतों पर एक ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच दिनों में 46 मौतें हुई हैं, जिनमें से 25 लोग 60 वर्ष से अधिक आयु के हैं। लाइवहिंदुस्तान के मुताबिक रिपोर्ट में कहा गया है कि उक्त समय अवधि में कोविड -19 के कारण मरने वालों में से 28 पुरुष हैं, जबकि 18 महिलाएं हैं। एक और चिंताजनक पहलू यह है कि कुल 46 मौतों में से 50 प्रतिशत संक्रमण के 24 घंटों के दौरान हुई हैं।
इन 23 लोगों में से 12 की मृत्यु उस दिन हुई, जिस दिन वे कोविड -19 के संपर्क में आए जबकि 11 की अस्पतालों में इलाज के दौरान या तो हृदय गति रुकने या हृदय और फेफड़ों को जोड़ने वाली नसों में रक्त के प्रवाह के रुकने के कारण मृत्यु हो गई। दिल्ली में 1 जनवरी से 9 जनवरी के बीच जांचे गए नमूनों में 78.7 प्रतिशत भारी-उत्परिवर्तित ओमीक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित पाए गए। अन्य 17.4 प्रतिशत नमूने में डेल्टा स्ट्रेन पाया गया।
सोमवार को एक समीक्षा बैठक के बाद, दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने शहर के रेस्तरां में डाइन-इन सुविधा को निलंबित कर दिया और कोविड -19 मामलों में वृद्धि को देखते हुए बार बंद कर दिए। हालांकि राजधानी में पूर्ण तालाबंदी लागू करने से इनकार किया।
उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में डीडीएमए की बैठक में कोरोनोवायरस और इसके ओमीक्रॉन संस्करण के प्रसार की जांच के लिए मौजूदा प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने के तरीकों पर भी चर्चा हुई। बैजल ने एक ट्वीट में कहा कि अधिकारियों को यह भी सख्ती से सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है कि लोग मास्क पहनें और बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन करें ताकि संचरण की श्रृंखला को तोड़ा जा सके।
उधर दिल्ली सरकार ने कहा कि सरकार द्वारा कोविड-19 मरीजों के लिए स्थापित किये गए संस्थागत पृथक-वास केंद्रों में लगभग पांच हजार बिस्तर उपलब्ध हैं। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई। इसके अनुसार 5,539 बिस्तरों में से 561 पर मरीज भर्ती हैं। शाहदरा, उत्तरपूर्वी, पश्चिमी और उत्तरी दिल्ली में स्थित केंद्रों में किसी भी बिस्तर पर मरीज नहीं है। दिल्ली सरकार का कहना है कि महामारी की इस लहर में ज्यादातर मामलों में हल्के लक्षण हैं या लक्षण नहीं हैं और मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही।