बिहार में जा सकती है 24 हजार शिक्षकों की नौकरी, 2852 नियोजित शिक्षकों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की तैयारी

By एस पी सिन्हा | Updated: July 28, 2025 18:22 IST2025-07-28T18:22:03+5:302025-07-28T18:22:03+5:30

सूत्रों के अनुसार अब तक की जांच में राज्य में नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने के मामले में अब तक 1,647 प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं।

24 thousand teachers may lose their jobs in Bihar, preparations are on to file a criminal case against 2852 employed teachers | बिहार में जा सकती है 24 हजार शिक्षकों की नौकरी, 2852 नियोजित शिक्षकों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की तैयारी

बिहार में जा सकती है 24 हजार शिक्षकों की नौकरी, 2852 नियोजित शिक्षकों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की तैयारी

पटना: बिहार में फर्जी प्रमाण पत्र के जरिये नौकरी पाने वाले 2852 नियोजित शिक्षकों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की तैयारी है। सूत्रों के अनुसार अब तक की जांच में राज्य में नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने के मामले में अब तक 1,647 प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं। जबकि इसी मामले में 2,852 शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। इनमें अधिकांश शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र और गैर-मान्यता प्राप्त शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों से प्राप्त बी.एड. की डिग्रियां शामिल हैं।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि पटना उच्च न्यायालय द्वारा रंजीत पंडित एवं अन्य बनाम बिहार सरकार मामले में पारित आदेश के तहत, वर्ष 2006 से वर्ष 2015 तक नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक-पूर्व शैक्षणिक अंकपत्रों और प्रमाण पत्रों की जांच निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा की जा रही है। इसी क्रम में, राज्य के विभिन्न जिलों में जांच के दौरान शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। इनमें 1672 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा अब तक 6,35,322 प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया जा चुका है।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष जनवरी से 17 जुलाई तक प्रमाण-पत्रों के सत्यापन के बाद अंकपत्र और प्रमाण-पत्र फर्जी पाए जाने पर संबंधित शिक्षकों के विरुद्ध अब तक विभिन्न जिलों में 72 प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं। इनमें संबंधित शिक्षकों को आरोपी बनाया गया है। डा. सिद्धार्थ ने बताया कि ब्यूरो के महानिदेशक को विभिन्न जिलों में दर्ज मामलों की निरंतर निगरानी करने और शीघ्र जांच पूरी करने के लिए पत्र भेज रहा है, ताकि संबंधित मामलों की जाँच प्रक्रिया समय पर पूरी की जा सके।

सूत्रों के अनुसार अब तक की जांच में उनके मूल प्रमाण पत्र और कई प्रमाण पत्र फर्जी होने के सबूत निगरानी को मिले हैं। निगरानी इस आधार पर जांच आगे की कारवाई करने में जुटा है। ऐसे में 24 हजार शिक्षकों की नौकरी खतरे में है। काउंसलिंग के दौरान लगभग 4000 शिक्षकों के डॉक्यूमेंट्स फर्जी पाए जाने के बाद बीपीएससी टीआरई-1 और 2 में भर्ती हुए हजारों शिक्षक बिहार लोक सेवा आयोग के रडार पर हैं।

साथ ही सीटीईटी में निर्धारित अंक से कम नंबर पाने वाले शिक्षकों की नौकरी भी जा सकती हैमिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) में 60 फीसदी कम अंक लाने के बावजूद शिक्षक भर्ती परीक्षा 1 और 2 के जरिए नियुक्त बाहरी राज्यों के बड़ी संख्या में स्कूली शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच से पता चला है कि यह संख्या काफी अधिक हो सकती है, क्योंकि कई जिलों से ऐसे शिक्षकों के खिलाफ शिकायतें आ रही हैं।

Web Title: 24 thousand teachers may lose their jobs in Bihar, preparations are on to file a criminal case against 2852 employed teachers

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