सिलचर: असम में कथितरूप से प्रलोभन देकर ईसाई धर्म का प्रचार करने वाले दो अमेरिकी नागरिकों को पुलिस ने बीते शनिवार को सोनितपुर जिले से गिरफ्तार किया है।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार मामले की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि दोनों अमेरिकी नागरिकों के खिलाफ सोनितपुर स्थित तेजपुर के रहने वाले स्थानीय निवासियों ने शिकायत की थी, जिसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया।
सोनितपुर के पुलिस अधीक्षक सुशांत बिस्वा सरमा ने कहा कि दोनों अमेरिकी नागरिक बिना उचित अनुमति के ईसाई धर्म का प्रचार कर रहे थे, जिसके कारण दोनों को हिरासत में लेकर 500 डॉलर का जुर्माना लगाया गया है।
उन्होंने कहा, “वे पर्यटक वीज़ा पर भारत में थे और प्रावधानों के अनुसार वे भारत भ्रमण कर सकते हैं लेकिन धार्मिक गतिविधियाँ नहीं कर सकते हैं या धार्मिक विचारधाराओं का प्रचार नहीं कर सकते। इसलिए हमने उन्हें हिरासत में लिया और पुलिस स्टेशन ले आये। उसके बाद दोनों पर अलग-अलग 500 डॉलर का जुर्माना लगाया गया।”
हालांकि, पुलिस ने मामले की जानकारी प्रेस को दी लेकिन दोनों अमेरिकी नागरिकों का नाम उजागर नहीं किया। पुलिस ने कहा, जुर्माना लेकर उन्हें धार्मिक प्रचार न करने की चेतावनी दी गई और उनके खिलाफ कोई मामला न दर्ज करते हुए रिहा कर दिया गया।
मालूम हो कि इससे पहले अक्टूबर 2022 में असम के गोलाघाट और डिब्रूगढ़ जिले में वीजा मानदंडों का उल्लंघन करके मिशनरी गतिविधियों में शामिल सात जर्मन नागरिकों और तीन स्वीडिश नागरिकों को हिरासत में लिया गया था। उस समय पुलिस उन्हें गिरफ्तार करके गुवाहाटी ले गई और बाद में उन्हें उनके देश रवाना कर दिया गया।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पिछले साल धार्मिक समुदायों से अपील की थी कि वे शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के नाम पर हिंदुओं का धर्मांतरण करने से खुद को रोकें। वहीं हिंदू संगठनों ने दावा किया है कि असम सहित पूर्वोत्तर में विभिन्न देशों के लोग पर्यटक वीजा लेकर ईसाई मिशनरी का प्रचार करने के लिए आते हैं और वीजा मानदंडों का उल्लंघन करके ईसाई धर्म का प्रचार करते हैं।