1984 का सिख विरोधी दंगा: दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश- मृत्युदंड के मामलें में रोजाना होगी सुनवाई
By भाषा | Published: April 1, 2019 07:58 PM2019-04-01T19:58:31+5:302019-04-01T19:58:31+5:30
निचली अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान नयी दिल्ली में दो लोगों की हत्या के सिलसिले में सह-आरोपी नरेश सहरावत को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
दिल्ली हाई कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में मौत की सजा पाए एक दोषी के मामले में दैनिक आधार पर सुनवाई करने का आदेश दिया वहीं दोषी ने मौत की सजा के खिलाफ अपील दायर की है। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की पीठ ने कहा दोषी यशपाल सिंह की अपील और मौत की सजा पर बहस पूरी होने तक दैनिक आधार पर सुनवाई हो।
पीठ ने अपने हालिया आदेश में कहा, “मामले को सुनवाई के लिये 22 अप्रैल को सूचीबद्ध किया जाए। यह स्पष्ट किया जाता है कि याचिका और मौत की सजा को लेकर सुनवाई जिरह के खत्म होने तक दैनिक आधार पर होगी।” अदालत ने इससे पहले मौत की सजा को लेकर दोषी यशपाल की याचिका पर पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी। याचिका में यशपाल ने निचली अदालत द्वारा दी गई मृत्युदंड की सजा को चुनौती दी है। उसने मामले में जमानत याचिका भी दायर की है।
निचली अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान नयी दिल्ली में दो लोगों की हत्या के सिलसिले में सह-आरोपी नरेश सहरावत को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। यह एसआईटी द्वारा फिर से खोले गए मामलों में सुनाई गई पहली सजा थी।