भोपाल: मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 19 दलदली हिरण छोड़े गए है। इन 19 दलदली हिरणों को कान्हा नेशनल पार्क से लाया गया है। ऐसे में इन दलदली हिरणों को छोड़ने का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें एरियल व्यू से देखा गया है कि कैसे ये हिरण पिजरे से छुटने के बाद रिजर्व के वातावरण में घुल गए है।
इससे कुछ दिन पहले कूनो नेशनल पार्क में भी आठ चीतों को छोड़ा गया था। इन चीतों को नामीबिया से भारत लाया गया था। ऐसे में अगर आप जब कभी भी मध्य प्रदेश में घूमना चाहें तो आप कुनो नेशनल पार्क और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का रूख कर सकते है।
छोड़े गए हिरणों में 11 पुरुष और 8 महिलाएं हैं
इन 19 दलदली हिरणों के छोड़े जाने पर बोलते हुए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से जुड़े सुधीर मिशा ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा पहले वर्ष में 50 के साथ 100 दलदली हिरण लाने की अनुमति दी गई है। ऐसे में वे इस बार केवल 19 हिरणें लाएं है जिसमें पुरुष और महिला हिरण दोनों ही शामिल है। मिशा के अनुसार, लाए गए 19 दलदली हिरणों में 11 पुरुष और 8 महिलाएं हैं।
उन्होंने बताया कि इन हिरणों की सुरक्षा के लिए एक मांसाहार रोधी बाड़ा भी बनाया गया है ताकि इन हिरणों का शिकार करने के लिए कोई मांसाहारी जानवर अंदर न आ जाए। मिसा ने यह भी बताया कि इस रिसर्व में हाथियां भी है, ऐसे में इस बाड़ा को ये हाथियां नुकसान न पहुंचाए इसका भी इंतजाम किया गया है।
कुनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतें
भारत में चीतों को पुनः बसाने की योजना ‘‘प्रोजेक्ट चीता’’ के तहत नामीबिया से आठ चीतों- पांच मादा और तीन नर को यहां केएनपी में लाया गया था। भारत में चीते 70 साल पहले विलुप्त प्रजाति घोषित कर दिए गए थे। नामीबिया से यहां लाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत वर्ष 17 सितंबर को केएनपी में एक विशेष बाड़े में इन चीतों को छोड़ा था। पहले इन चीतों को छोटे बाड़ों में अलग रखा गया था बाद में बड़े बाड़ों में रखा गया। चीतों का दूसरा जत्था जिसमें एक दर्जन चीते- सात नर और पांच मादा शामिल थे, को 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका से केएनपी लाया गया। केएनपी में अब कुल 20 चीते हैं।