बागपत में एक ही मुस्लिम परिवार के 13 लोगों ने अपनाया हिंदू धर्म, इंसाफ के लिए उठाया बड़ा कदम
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: October 3, 2018 12:08 PM2018-10-03T12:08:07+5:302018-10-03T13:33:59+5:30
परिवार ने इंसाफ के लिए पुलिस थाने के बहुत चक्कर लगाए। इसको लेकर मुस्लिम समाज की पंचायत भी हुई, लेकिन वहां भी उनको इंसाफ नहीं मिला। इसके बाद अंत में परिवार ने हिन्दू धर्म अपनाने का फैसला कर लिया।
बागपत, 3 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के निवाड़ा गांव से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने कई सवालों को जन्म दिया है। दरअसल तीन महीने पहले हुई घर के सदस्य की मौत के मामले में इंसाफ पाने के लिए एक मुस्लिम परिवार के 20 में से 13 लोगों ने हिन्दू धर्म अपना लिया है। अब परिवार के एक सदस्य ने सामने से आकर सभी बात को स्वीकार किया है।
धर्म बदलने के बाद परिवार के एक सदस्य का कहना है कि मेरा नाम अख्तर अली था अब मेरा नाम धर्म सिंह है, मैंने अपना धर्म बदल दिया है क्योंकि पुलिस ने हमारे मामले की उचित जांच नहीं की है, यहां तक कि मुस्लिम समुदाय भी हमारे समर्थन में नहीं खड़ा था। मोदी के भारत में, मुसलमानों का काफी इलाज नहीं किया जाता है। मैं न्याय की मांग करता हूं। वहीं, अब पुलिस की ओर से निष्पक्ष जांच की बात कही गई है।
Dharam Singh, member of the family says, "My name was Akhtar Ali, I have changed my religion because the police did not investigate our case in a fair manner, even the Muslim community did not stand in our support. In Modi's India, Muslims not treated fairly. I demand justice." pic.twitter.com/MYN4VzzYYI
— ANI UP (@ANINewsUP) October 3, 2018
जानें क्या है पूरा मामला
बागपत बदरखा गांव निवासी अख्तर अली 15 फरवरी 2018 को अपना गांव छोड़कर 5 किलोमीटर दूर निवाड़ा गांव जाकर रहने लगे थे। धर्म सिंह जो कि पहले अख्तर अली थी उनके बेटे की 22 जुलाई को मौत हो हई थी। उसको हत्या का रूप दिया गया था। लेकिन परिवार का आरोप है कि पुलिस के द्वारा उनके परिवार और उनकी कोई मदद नहीं की गई है।
परिवार ने इंसाफ के लिए पुलिस थाने के बहुत चक्कर लगाए। इसको लेकर मुस्लिम समाज की पंचायत भी हुई, लेकिन वहां भी उनको इंसाफ नहीं मिला। इसके बाद अंत में परिवार ने हिन्दू धर्म अपनाने का फैसला कर लिया। इन्होंने इस संबंध में बड़ौत के एसडीएम को बकायदा एफिडेविट दिया। इसके बाद वापस अपने गांव में बदरखा में आकर धर्म परिवर्तन कर लिया।