बुलढाणा ट्रक हादसे में मारे गए 13 मजदूर मध्य प्रदेश से
By भाषा | Published: August 21, 2021 12:16 AM2021-08-21T00:16:44+5:302021-08-21T00:16:44+5:30
महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में शुक्रवार को एक ट्रक के सड़क पर बने गड्ढे के कारण पलट जाने से जिन 13 मजदूरों की मौत हुई है, वे सभी मध्य प्रदेश के निवासी थे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि जिन 13 मजदूरों की मौत हुई है, उनमें से आठ मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के रहने वाले थे, जबकि पांच धार जिले के निवासी थे। महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना दिन में करीब 12 बजे सिंधखेड़ाजा-मेहकर रोड पर ताडेगांव फाटा में दुसरबीड गांव के पास उस समय हुई जब मजदूरों को नागपुर-मुंबई समृद्धि एक्सप्रेसवे परियोजना पर काम के लिए ले जाया जा रहा था। उन्होंने बताया कि राजमार्ग परियोजना के लिए ढुलाई करने वाले ट्रक में एक लड़की समेत कुल 16 मजदूर सवार थे। बुलढाणा के पुलिस अधीक्षक अरविंद चावरिया ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘वाहन की रफ्तार तेज थी और सड़क पर गड्ढा होने के कारण वह पलट गया। घटना में 13 मजदूरों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए।’’ उन्होंने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद किंगगांव राजा थाने के कर्मी मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया तथा एक नाबालिग लड़की को भी बचाया गया। अधिकारी ने बताया कि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चावरिया के मुताबिक, इनमें से ज्यादातर मजदूर बिहार और उत्तर प्रदेश के थे। उन्होंने कहा कि ट्रक के चालक के खिलाफ मामला दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है। वहीं, मध्य प्रदेश के खरगोन के नायब तहसीलदार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को शुक्रवार रात को फोन पर बताया कि मृतकों में से आठ खरगोन जिले के पांच गांवों से थे। पुलिस का एक दल यहां से बुलढाणा जा रहा है और पोस्टमॉर्टम होने के बाद शवों को कल सुबह बुलढाणा से संभवत: खरगोन लाया जाएगा। इसी बीच, धार जिलाधिकारी आलोक सिंह ने बताया कि धार जिले से तहसीलदार और पुलिस की टीम पांच शवों को लाने के लिए बुलढाणा के लिए रवाना हो गई है। उन्होंने कहा कि बुलढाणा जिलाधिकारी ने खरगोन प्रशासन को सूचित किया कि वह कल सुबह पोस्टमॉर्टम करवाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे धार तक शव भेजने के लिए चार वाहनों की व्यवस्था कर रहे हैं। सिंह ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि वे गांवों में मृतकों के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दें और अंतिम संस्कार की व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि हम मृतकों के परिवारों को आर्थिक मदद देने के बारे में भी विचार कर रहे हैं।
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