लाइव न्यूज़ :

11 साल की दुष्कर्म पीड़िता, 27 हफ्ते की गर्भवती, कोर्ट ने गर्भपात कराने की अनुमति दी, चाचा ने किया था रेप

By भाषा | Updated: October 22, 2019 18:35 IST

सरकारी वकील अभय पांडे ने मंगलवार को बताया कि न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकल पीठ ने इस मामले की सोमवार को सुनवाई करते हुए, 27 हफ्ते की गर्भवती इस बच्ची को गर्भपात कराने की अनुमति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने अपने विस्तृत फैसले में कहा है कि विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा पूरी सावधानी बरतकर जल्द से जल्द बच्ची का गर्भपात कराया जाना चाहिए।

Open in App
ठळक मुद्देपांडे ने कहा कि इन निर्देशों के साथ अदालत ने मामले का निस्तारण कर दिया।अदालत के आदेश पर पीड़िता की दो मर्तबा मेडिकल जांच करायी गई।

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने 11 साल की, दुष्कर्म पीड़िता गर्भवती बच्ची का गर्भपात कराने की अनुमति दे दी है। इस बच्ची के साथ कथित तौर पर उसके चाचा ने दुष्कर्म किया था।

सरकारी वकील अभय पांडे ने मंगलवार को बताया कि न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकल पीठ ने इस मामले की सोमवार को सुनवाई करते हुए, 27 हफ्ते की गर्भवती इस बच्ची को गर्भपात कराने की अनुमति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने अपने विस्तृत फैसले में कहा है कि विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा पूरी सावधानी बरतकर जल्द से जल्द बच्ची का गर्भपात कराया जाना चाहिए।

पांडे ने कहा कि इन निर्देशों के साथ अदालत ने मामले का निस्तारण कर दिया। उल्लेखनीय है कि दुष्कर्म पीड़ित की मां ने अपनी बेटी के गर्भपात की अनुमति टीकमगढ़ की जिला अदालत से न मिलने पर उच्च न्यायालय में गुहार लगाई और अपनी 11 साल की बच्ची का गर्भपात कराने की अनुमति मांगी।

अदालत के आदेश पर पीड़िता की दो मर्तबा मेडिकल जांच करायी गई। पहली रिपोर्ट के बाद अदालत ने विशेषज्ञों की टीम से दोबारा जांच कराने के आदेश दिये। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में बच्ची की जांच करने वाले मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का हवाला दिया। बोर्ड का कहना था कि 11 साल की गर्भवती बच्ची का गर्भपात नहीं कराया जा सकता।

हालांकि, रिपोर्ट में यह जिक्र नहीं किया गया कि गर्भपात कराने के क्या दुष्परिणाम होंगे। इसके बाद पीड़िता की माँ ने हलफनामा देते हुए कहा कि पूरी जिम्मेदारी उनकी होगी। उन्होंने कहा कि अपनी बच्ची के भविष्य को देखकर ही वह गर्भपात कराने तैयार है। इसके बाद उच्च न्यायालय ने डीएनए सैम्पल और भ्रूण संभालकर रखने के निर्देश दिये हैं, क्योंकि बच्ची और उसकी मां ने दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करायी है।

टॅग्स :कोर्टमध्य प्रदेशकमलनाथ
Open in App

संबंधित खबरें

भारतपंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की गतिविधियां आम आदमी के जीवन स्तर में सुधार लाने में देती हैं महत्वपूर्ण योगदान, मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भारतकानून की पकड़ से बच नहीं सकेगा कोई भी अपराधी, सीएम मोहन यादव बोले-कानून सबके लिए

भारतदिवंगत निरीक्षक स्व. शर्मा के परिजन को 1 करोड़ रुपये?, अंकित शर्मा को उप निरीक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति

बॉलीवुड चुस्कीसेलिना जेटली ने ऑस्ट्रियाई पति पीटर हाग पर लगाया घरेलू हिंसा का आरोप, ₹50 करोड़ का हर्जाना मांगा

भारतबिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने आईआरसीटीसी घोटाला मामले की सुनवाई कर रहे राउज एवेन्यू कोर्ट के जज विशाल गोगने को की बदलने की मांग

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई