2019 में अर्द्धसैनिक बलों के 104 कर्मियों की हादसों में मौत हुई: NCRB
By भाषा | Updated: September 3, 2020 15:55 IST2020-09-03T15:55:49+5:302020-09-03T15:55:49+5:30
एनसीआरबी ने इन बलों के अलग-अलग आंकड़े नहीं बताए हैं। वर्ष 2019 के आंकड़ों के मुताबिक, 104 सुरक्षाकर्मियों की मौत सड़क हादसे, रेल हादसे, कार्रवाई के दौरान या मुठभेड़ के वक्त हुई।

सांकेतिक तस्वीर (File Photo)
नयी दिल्ली: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक 2019 में, केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आने वाले सुरक्षा बलों के 104 कर्मियों की हादसों में मौत हो गई। इस लिहाज से देखा जाए तो हर हफ्ते औसतन दो सुरक्षा कर्मियों की मौत हुई।
इस तरह, छह वर्ष में 2,006 सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई जिनमें से सर्वाधिक, वर्ष 2014 में 1,232 की और सबसे कम, वर्ष 2018 तथा 2019 में 104-104 सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ), असम राइफल्स और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के हादसों में जान गंवाने वाले सुरक्षाकर्मियों की संख्या 2017 में 113, 2016 में 260 और 2015 में 193 थी।
हालांकि एनसीआरबी ने इन बलों के अलग-अलग आंकड़े नहीं बताए हैं। वर्ष 2019 के आंकड़ों के मुताबिक, 104 सुरक्षाकर्मियों की मौत सड़क हादसे, रेल हादसे, कार्रवाई के दौरान या मुठभेड़ के वक्त हुई। इसमें से 14 सुरक्षाकर्मी कार्रवाई, अभियान या मुठभेड़ में मारे गए। 62 सुरक्षाकर्मियों की मौत की वजह ‘‘अन्य कारण’’ श्रेणी में दशाई गई है।
24 ‘‘सड़क या रेल हादसों’’ में मारे गए। सीएपीएफ के अंतर्गत पांच केंद्रीय सुरक्षा बल ... सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएएसएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) आते हैं। सीएपीएफ के अलावा एआर और एनएसजी भी गृह मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत आते हैं। एक जनवरी 2019 के अनुसार, सीएपीएफ में 9,23,800 कर्मी हैं।