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महान हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, मिल्खा सिंह ने कहा, 'ध्यानचंद के बाद महानतम हॉकी खिलाड़ी'

By भाषा | Updated: May 26, 2020 06:54 IST

Balbir Singh: महान हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह का 25 मई को 96 वर्ष की उम्र में निधन हो गया, उनका सोमवार शाम पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया

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ठळक मुद्दे ध्यानचंद के बाद भारतीय हॉकी में कोई महान खिलाड़ी कहलाने का हकदार है तो वह बलबीर सिंह सीनियर ही थे: मिल्खा सिंहवह मेरे काफी करीब थे और मुझे बहुत दुख हो रहा है कि वह अब हमारे बीच नहीं हैं: ध्यानचंद

चंडीगढ़: तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बलबीर सिंह सीनियर का यहां शाम पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया और पंजाब के खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने घोषणा की कि मोहाली स्टेडियम का नाम इस महान हॉकी खिलाड़ी के नाम पर रखा जायेगा। बलबीर सिंह सीनियर का सोमवार की सुबह को निधन हो गया। वह 96 वर्ष के थे और पिछले दो सप्ताह से कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे।

उनके नाती कबीर सिंह भोमिया ने सिख गुरुओं की मौजूदगी में यहां विद्युत शवदाहगृह में उनका अंतिम संस्कार किया। उनकी बेटी सुशबीर और करीबी रिश्तेदार यहां मौजूद थे। उनके परिवार में बेटी सुशबीर और तीन बेटे कंवलबीर, करणबीर और गुरबीर हैं। उनके बेटे कनाडा में हैं और वह यहां अपनी बेटी सुशबीर और नाती कबीर के साथ रहते थे।

सोढी ने कहा कि बलबीर सिंह सीनियर का निधन सिर्फ खेलों की दुनिया के लिये नहीं बल्कि पूरे देश के लिये गहरा झटका है। उन्होंने कहा कि मोहाली हॉकी स्टेडियम का नाम उनके नाम पर रखा जायेगा। अंतिम संस्कार के समय भारत के पूर्व हॉकी कप्तान परगट सिंह भी मौजूद थे। पंजाब सरकार और चंडीगढ प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनकी पार्थिव देह पर पुष्प अर्पित किये। पुलिस की एक टुकड़ी ने उनके प्रति सम्मानस्वरूप हवा में तीन गोलियां चलाई।

ध्यानचंद के बाद अगर कोई महान हॉकी खिलाड़ी था तो वह बलबीर था: मिल्खा सिंह

भारत के महान एथलीट मिल्खा सिंह ने अपने मित्र के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि ध्यानचंद के बाद भारतीय हॉकी में कोई महान खिलाड़ी कहलाने का हकदार है तो वह बलबीर सिंह सीनियर ही थे। पूर्व हॉकी कप्तान बलबीर सिंह सीनियर ने सोमवार की सुबह शहर के अस्पताल में अंतिम सांस ली। बलबीर और मिल्खा अपने खेल में देश के लिये साथ ही शीर्ष स्तर पर खेले और यहां तक कि 1960 के दशक में पंजाब खेल विभाग में भी साथ ही काम करते थे।

‘फ्लाइंग सिख’ ने कहा, ‘‘मेरा उनके साथ बहुत करीबी जुड़ाव था। तब पंजाब के मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों ने हमें खेल विभाग में शामिल किया था जिसमें हम उप निदेशक के तौर पर जुड़े थे।’’

नब्बे वर्षीय मिल्खा ने कहा, ‘‘हम तीन दशक तक विभाग से जुड़े रहे जिसमें हमने खेल की टीम और साथ ही शारीरिक शिक्षा टीम के लिये काम किया। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम बहुत अच्छे मित्र थे। वह मेरे काफी करीब थे और मुझे बहुत दुख हो रहा है कि वह अब हमारे बीच नहीं हैं। ध्यानचंद के बाद अगर कोई महान हॉकी खिलाड़ी था तो वह बलबीर सिंह सीनियर थे।’’ 

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