ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने ऐतिहासिक उपलब्धि दिग्गज धावक मिल्खा सिंह को समर्पित किया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 7, 2021 10:02 PM2021-08-07T22:02:34+5:302021-08-07T22:04:03+5:30
Tokyo Olympics: मिल्खा सिंह स्टेडियम में राष्ट्रगान सुनना चाहते थे। वह अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनका सपना पूरा हो गया।
Tokyo Olympics: ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने शनिवार को अपनी इस ऐतिहासिक उपलब्धि को दिग्गज धावक मिल्खा सिंह को समर्पित किया जिनका जून में कोविड-19 के कारण निधन हो गया था।
नीरज की तरफ से मिले इस सम्मान से मिल्खा सिंह के पुत्र और स्टार गोल्फर जीव मिल्खा सिंह भावुक हो गये और उन्होंने तहेदिल से उनका आभार व्यक्त किया। भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद चोपड़ा ने कहा, ‘‘मिल्खा सिंह स्टेडियम में राष्ट्रगान सुनना चाहते थे। वह अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनका सपना पूरा हो गया।’’
Gold!!!! Here’s to creating history. Take it in @Neeraj_chopra1 and congratulations
— PRIYANKA (@priyankachopra) August 7, 2021
You make us proud! 🇮🇳❤️ #NeerajChopra#TeamIndia#Tokyo2020#Cheer4Indiapic.twitter.com/VWd28jsMOb
जीव ने ट्विटर पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए लिखा, ‘‘पिताजी वर्षों से इसका इंतजार कर रहे थे। एथलेटिक्स में पहले स्वर्ण पदक से उनका सपना आखिर सच हुआ। यह ट्वीट करते हुए मैं रो रहा हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि ऊपर पिताजी की आंखों में भी आंसू होंगे। यह सपना साकार करने के लिये आभार। ’’ उन्होंने आगे लिखा, ‘‘आपने न सिर्फ ओलंपिक खेलों में देश के लिये एथलेटिक्स का पहला स्वर्ण पदक जीता, आपने इसे मेरे पिता को समर्पित किया। मिल्खा परिवार इस सम्मान के लिये तहेदिल से आभार व्यक्त करता है। ’’
पूर्व महान खिलाड़ियों ने कहा, नीरज का स्वर्ण पदक भारतीय एथलेटिक्स का महत्वपूर्ण पल
भाला फेंक के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा के स्वर्ण पदक जीतने पर भारतीय एथलेटिक्स के कुछ महान खिलाड़ी भावुक हो गये जबकि कुछ इस नयी शुरुआत से काफी खुश थे। इन सभी ने उनकी उपलब्धि को देश के खेल इतिहास के लिये महत्वपूर्ण और बदलाव लाने वाला क्षण करार दिया। चोपड़ा शनिवार को ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय बन गये।
उन्होने देश को ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धा में पहला ओलंपिक पदक दिलाया। महान एथलीट पीटी ऊषा ने केरल से अपने घर से कहा, ‘‘नीरज ने जब स्वर्ण पदक जीता, मैं भावुक हो गयी। यह ऐतिहासिक क्षण है और निश्चित रूप से हमारे एथलेटिक्स इतिहास का महत्वपूर्ण पल है। ’’ यह पूछने पर कि क्या वह भावुक हो गयी थीं क्योंकि वह 1984 ओलंपिक में कांस्य पदक से चूक गयी थीं तो ऊषा ने कहा, ‘‘आज यह शानदार क्षण था और हमें इसका लुत्फ उठाना चाहिए। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह स्वर्ण भारतीय एथलेटिक्स को एक अन्य स्तर पर ले जायेगा। हम एथलेटिक्स के अपने प्रशंसकों को ओलंपिक में एथलेटिक्स का पदक नहीं दे सके थे। मुझे लगता है कि हमने नीरज के स्वर्ण पदक से इसकी भरपायी कर दी। ’’
The effort that he put 🤝 The result that he achieved#Tokyo2020 | #UnitedByEmotion | #StrongerTogether | #IND | @Neeraj_chopra1pic.twitter.com/8hq6yVjox5
— #Tokyo2020 for India (@Tokyo2020hi) August 7, 2021
हालांकि उन्होंने कहा कि वह शुरू में चोपड़ा से स्वर्ण पदक की उम्मीद नहीं कर रही थीं लेकिन दूसरे थ्रो में उनके प्रयास से उन्हें लगा कि वह स्वर्ण पदक ही जीतेगा। भारत की विश्व चैम्पियनशिप में एकमात्र पदक विजेता अंजू बॉबी जार्ज भी ऊषा की बात से सहमत थीं। उन्होंने कहा कि इससे भारतीय एथलेटिक्स में कई अच्छी चीजों की शुरुआत होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिये यह भारतीय एथलेटिक्स में चीजों को बदलने वाला पल होना चाहिए। विश्व चैम्पियनशिप (2003) में मेरे पदक से भारतीय एथलेटिक्स में बेहतरी के लिये काफी बदलाव हुए। हमने राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतना शुरू कर दिया। हमें नीरज के स्वर्ण पदक से यही उम्मीद है। ’’ भारतीय एथलेटिक्स महासंघ की सीनियर उपाध्यक्ष अंजू ने 23 वर्षीय चोपड़ा के बारे में बात करते हुए कहा, ‘‘वह अभी काफी युवा है और हम उससे आगामी टूर्नामेंट और ओलंपिक में काफी उम्मीदें कर सकते हैं। ’’
राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता चक्का फेंक एथलीट कृष्णा पूनिया ने चोपड़ा के अनुशासन और लक्ष्य को हासिल करने के उनके दृढ़निश्चय की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘‘वह काफी अनुशासित खिलाड़ी है और फाइनल में उसका आत्मविश्वास झलक रहा था। वह कोई दबाव नहीं ले रहा था। ’’
पूनिया 2012 ओलंपिक में छठे स्थान पर रही थीं। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे पूरा भरोसा था कि यह योहानेस वेटर का दिन नहीं था जो क्वालीफिकेशन दौर में भी जूझ रहे थे। ’’ महान एथलीट श्रीराम सिंह और गुरबचन सिंह रंधावा ने भी चोपड़ा के स्वर्ण पदक को भारतीय एथलेटिक्स का ‘टर्निंग प्वाइंट’ बताया। दो बार के एशियाई स्वर्ण पदक विजेता श्रीराम 1976 ओलंपिक में 800 मीटर फाइनल में सातवें स्थान पर रहे थे।
Seminal moment in Indian sports. I’m still trying to process it. What #NeerajChopra has achieved will be cherished forever pic.twitter.com/UYENzyMTai
— Cricketwallah (@cricketwallah) August 7, 2021
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने देशवासियों को एथलेटिक्स में एक भी ओलंपिक पदक नहीं दे सके थे। इसलिये यह बदलाव लाने का पल है। ’’ महासंघ के अध्यक्ष आदिल सुमरिवाला ने कहा कि चोपड़ा का स्वर्ण पदक भारतीय खेल जगत के लिये बहुत ही गौरव का पल है।