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World Health Day: डायबिटीज के कारण, लक्षण, बचने के उपाय और इलाज

By उस्मान | Updated: April 2, 2018 07:41 IST

इंडियन डायबिटीज फेडरेशन (आईडीएफ) के अनुसार भारत में लगभग 7.2 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं।

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डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है। खराब जीवनशैली के चलते यह बीमारी तेजी से लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है। इंडियन डायबिटीज फेडरेशन (आईडीएफ) के अनुसार भारत में लगभग 7.2 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। डायबिटीज को धीमी मौत भी कहा जाता है। यह ऐसी बीमारी है जो एक बार किसी के शरीर को पकड़ ले, तो उसे फिर जीवन भर छोड़ती नहीं। यानी इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। केवल बेहतर जीवनशैली, खानपान और एक्सरसाइज के जरिए ही इसे कंट्रोल किया जा सकता है। यही वजह है कि डॉक्टर डायबिटीज के मरीजों के उचित देखभाल की सलाह देते हैं। केवल व्यस्क ही नहीं बच्चे भी तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं।

डायबिटीज शरीर में अन्य कई बीमारियों को भी निमंत्रण देती है। डायबिटीज के रोगियों को आंखों में दिक्कत, किडनी, लीवर की बीमारी और पैरों में दिक्कत होना आम है। गाजियाबाद स्थित अटलांटा हॉस्पिटल में डायबिटोलोजिस्ट डॉक्टर फतेह सिंह आपको बता रहे हैं कि डायबिटीज क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है।

यह भी पढ़ें: डायबिटीज के मरीज क्या खाएं क्या नहीं खाएं

डायबिटीज की बीमारी कैसे होती है?

जब शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है, तो ब्लड में ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जोकि पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है। इसका कार्य शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है। यही वह हार्मोन होता है, जो शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है। डायबिटीज हो जाने पर शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। इस स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ लेवल शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है।

डायबिटीज के कारण

1) कम पानी पीना

डॉक्टर दिन में कम से कम 8-10 गिलास पीने की सलाह देते हैं। अगर आप इतनी मात्रा में पानी नहीं पीते हैं, तो आपके शरीर में पानी की कमी हो सकती है जिससे आपको हाइड्रेट की समस्या हो सकती है और ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ सकती है।

2) देर से खाना

रात को देर से खाने से शरीर का वजन बढ़ जाता है जिससे ब्लड शुगर लेवल असंतुलित हो जाता है और डायबिटीज की समस्या हो जाती है।

3) मीठा खाना

भोजन करने के तुरंत बाद मीठा खाने से ब्लड में शुगर की मात्रा तेजी से बढ़ती है और डायबिटीज की समस्या हो जाती है।

4) नींद पूरी न होना

कामकाज और बदलते लाइफस्टाइल के कारण लोग रात को देर से सोते हैं और सुबह भी जल्दी उठ जाते हैं। पर्याप्त नींद न लेने की वजह से डायबिटीज की समस्या हो जाती है।

यह भी पढ़ें- बिना इंसुलिन कंट्रोल हो सकेगा टाइप-1 डायबिटीज

5) व्यायाम न करना

रोजाना कम से कम 30 मिनट तक एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। व्यायाम न करने की वजह से शरीर में इंसुलिन लेवल बढ़ जाता है जिससे डायबिटीज होने का खतरा रहता है।

6) मोटापा

जिन लोगों के शरीर का वजन ज्यादा होता है और वे इसके लिए कुछ नहीं करते तो भी यह समस्या हो जाती है।

7) हेल्दी चीजें नहीं खाना

डाइट में पौष्टिक चीजें जैसे बींस, हरी सब्जियां और साबुत अनाज न लेने की वजह से भी यह समस्या हो जाती है।

8) जंक फूड और स्नैक्स

डिब्बाबंद चिप्स और जंक फूड अधिक मात्रा में खाने की वजह से भी डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।

बच्चों में डायबिटीज के कारण

1) ज्यादा खाना

कार्बोहाइड्रेट के अधिक सेवन से यह शरीर में फैट के रूप में जमा हो सकता है। इसके अलावा शुगर, चॉकलेट और मिठाई आदि से पैन्क्रीऐटिक ग्लैंड पर भार बढ़ा सकते हैं। इंसुलिन सेल्स के क्रमिक थकावट से डायबिटीज हो जाता है।

2) लगातार ठंड

जब आपका शरीर ठंड की गिरफ्त में रहता है, तो आपका इम्यून सिस्टम लड़ने के लिए एंटीबॉडी का उत्पादन करता है। एंटीबॉडी कोल्ड को नष्ट करने के लिए खत्म होती है इससे इंसुलिन कम होता है और डायबिटीज का खतरा होता है।

3) वायरल इन्फेक्शन

कुछ वायरल इन्फेक्शन से टाइप 1 डायबिटीज का खतरा हो सकता है क्योंकि वे इंसुलिन सेल्स को नष्ट कर देते हैं। हालांकि यह डायबिटीज का आम कारण नहीं है।

4) फिजिकल एक्टिविटी की कमी

फिजिकल एक्टिविटी की कमी कारण इंसुलिन उत्पादन करने वाली सेल्स प्रभावित हो सकती हैं। इससे ब्लड शुगर लेवल प्रभावित हो सकता है जिससे डायबिटीज का खतरा होता है।

5) जेनेटिक

बच्चे को डायबिटीज होना जेनेटिक कारण भी है। अगर पेरेंट्स में किसी को डायबिटीज है, तो बच्चा इस बीमारी के साथ पैदा हो सकता है या उसे 25 से 50 वर्ष की उम्र में इसका खतरा हो सकता है।

डायबिटीज के लक्षण

1) ज्यादा प्यास लगना

डायबिटीज के रोगी को ज्यादा प्यास लगती है। इसका कारण यह है कि पेशाब के रास्ते से शरीर का पानी और शुगर बाहर निकल जाता है जिसके कारण हमेशा प्यास लगने जैसी स्थिति बनी रहती है। 

2) बार-बार पेशाब आना

डायबिटीज होने पर बार-बार पेशाब आने लगता है। जब शरीर में ज्यादा मात्रा में शुगर जमा हो जाता है तो यह पेशाब के रास्ते से बाहर निकलता है, जिसके कारण डायबिटीज के रोगी को बार-बार पेशाब आना शुरू हो जाता है। 

3) थकान महसूस होना

डायबिटीज होने पर आपको पूरे दिन थकान महसूस होने लगती है। हर रोज भरपूर नींद लेने के बाद भी सुबह उठते ही आपको ऐसा लगेगा कि आपकी नींद पूरी नहीं हुई है। इससे यह पता चलता है की खून में शुगर का लेवल लगातार बढ़ रहा है। 

4) धुंधला दिखना

डायबिटीज की शुरूआत में आंखों पर काफी प्रभाव पड़ता है। मरीज की आंखों की रोशनी कम होने लगती है और धुंधला दिखाई देने लगता है। किसी भी वस्तु को देखने के लिए उसे आंखों पर जोर डालना पड़ता है। 

5) तेजी से वजन कम होना

डायबिटीज रोग की शुरूआत में मरीज का अचानक वजन तेजी से कम होने लगता है। सामान्य दिनों की अपेक्षा आदमी का वजन एकाएक कम होने लगता है। 

6) ज्यादा भूख लगना

डायबिटीज के मरीज का वजन तो कम होता है लेकिन भूख भी बढ़ने लगती है। अन्य दिनों की अपेक्षा आदमी की भूख कई गुना बढ़ जाती है। बार-बार खाना खाने की इच्छा होती है।

7) घाव भरने में देरी

डायबिटीज के मरीज को अगर शरीर में चोट या कहीं घाव लग जाए और यह जल्दी ना भरे, चाहे कोई छोटी सी खरोंच क्यों ना हो, वह धीरे-धीरे बडे़ घाव में बदल जाएगी और उसमें इन्फेक्शन के लक्षण साफ-साफ दिखाई देने लगेंगे। 

8) तबियत खराब रहना

डायबिटीज मरीज के शरीर में किसी भी तरह का इन्फेक्शन जल्दी से ठीक नही होता है। अगर आपको वायरल, खांसी, जुकाम या कोई भी बैक्टीरियल इंफेक्शन हो जाए तो आपको राहत नहीं मिलेगी। 

डायबिटीज से बचने के तरीके

1) बेहतर डाइट है जरूरी

सही समय पर सही आहार जैसे फलों, सब्जियों और अनाज का सेवन बेहद फायदेमंद है। इसके अलावा आपको लंबे समय तक खाली पेट रहने से बचना चाहिए। 

2) पर्याप्त नींद

आपको रोजना कम से कम आठ घंटे सोना चाहिए। देर रात तक जागने और सुबह देर तक सोने से डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की संभावना बढ़ती है। 

3) रोजाना एक्सरसाइज करें

खराब लाइफस्टाइल डायबिटीज के मुख्य कारणों में से एक है। रोजाना कम से कम 30-45 मिनट एक्सरसाइज करना डायबिटीज से बचने के लिए बहुत जरूरी है। 

यह भी पढ़ें- ब्लड शुगर कंट्रोल रखने के लिए ये खास ड्रिंक पिएं डायबिटीज के मरीज

4) तनाव से बचें

तनाव आज हर किसी के जीवन का जरूरी हिस्सा बन गया है। मनोरंजक एवं सामाजिक गतिविधियों द्वारा खुद को तनाव से दूर रखने की कोशिश करें। तनाव के दौरान स्मोकिंग करने से डायबिटीज की संभावना और अधिक बढ़ जाती है।

डायबिटीज की मरीज इन बातों का रखें ध्यान

1) अपने ग्लूकोज लेवल की जांच करें। भोजन से पहले यह 100 और भोजन के बाद 125 से ज्यादा है तो सतर्क हो जाएं। हर तीन महीने पर HbA1c टेस्ट कराते रहें ताकि आपके शरीर में शुगर के सही लेवल का पता चलता रहे।2) रोजाना कुछ फिजिकल एक्टिविटी करें। अगर आप जिम नहीं जाना चाहते हैं, तो दिन में तीन से चार किलोमीटर तक वॉल्किंग या फिर योग करें।3) स्मोकिंग और अल्कोहल का सेवन कम कर दें या संभव हो तो बिल्कुल छोड़ दें। 4) कम कैलोरी वाली चीजें खाएं। मीठा खाने से बचें। 5) तनाव से बचें और रात को पर्याप्त नींद लें। तनाव कम करने के लिए ध्यान लगाएं या संगीत सुनें।6) नियमित रूप से हेल्थ चेकअप कराते रहें और शुगर लेवल को मॉनीटर करें ताकि वह कभी भी लेवल से ज्यादा नहीं हो।

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