नई दिल्लीः विश्व एनेस्थीसिया दिवस के अवसर पर दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट (DSCI) के ऑन्को-एनेस्थीसिया विभाग द्वारा एक जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मरीजों को एनेस्थीसिया (निश्चेतना) के बारे में शिक्षित करना और उनसे जुड़ी शंकाओं का समाधान करना था। कार्यक्रम का आयोजन ओपीडी कक्ष संख्या 7 (PAC क्लिनिक) के सामने किया गया, जिसमें मरीजों, परिजनों और अस्पताल के कर्मचारियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। यह संवादात्मक सत्र एनेस्थीसिया से जुड़ी आम भ्रांतियों को दूर करने, इसकी सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने और शल्य चिकित्सा एवं ऑन्कोलॉजिकल प्रक्रियाओं में एनेस्थीसियोलॉजिस्ट्स की अहम भूमिका को उजागर करने पर केंद्रित था।
ऑन्को-एनेस्थीसिया विभाग के संकाय सदस्यों ने विभिन्न प्रकार के एनेस्थीसिया, प्री-एनेस्थेटिक मूल्यांकन और ऑपरेशन के बाद की देखभाल के महत्व पर प्रकाश डाला। मरीजों के बीच एनेस्थीसिया से जुड़ी जानकारी को सरल शब्दों में समझाने हेतु शैक्षणिक सामग्री भी उपलब्ध करायी गई. डॉ. सुरेन्द्र कुमार, विभागाध्यक्ष (HOD), ऑन्को-एनेस्थीसिया, DSCI ने कहा —"विश्व एनेस्थीसिया दिवस हमें यह याद दिलाता है कि एनेस्थीसियोलॉजिस्ट हर सफल सर्जरी के पीछे एक अदृश्य किन्तु अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
हमारा उद्देश्य आज मरीजों के मन में विश्वास और स्पष्टता लाना था ताकि वे समझ सकें कि एनेस्थीसिया पूरी तरह सुरक्षित, वैज्ञानिक और उनके कल्याण के लिए निरंतर विकसित हो रहा है।” डॉ. रविंदर सिंह, संयुक्त निदेशक (Joint Director), DSCI ने विभाग की सराहना करते हुए कहा —"ऐसी जन-जागरूकता मरीजों को सशक्त बनाती हैं और चिकित्सा तथा समुदाय के बीच विश्वास का बंधन मजबूत करती हैं।
DSCI शिक्षा और करुणा को नैदानिक उत्कृष्टता के साथ जोड़ने पर गर्व करता है।” कार्यक्रम का समापन एक प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ, जिसके पश्चात आयोजन टीम ने सभी प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ. स्वाति भान,सहायक प्राध्यापक, डॉ. सत्याकी सरकार ,सहायक प्रोफेसर, एनेस्थीसिया और. अनुराधा पटेल, सहायक प्रोफेसर, एनेस्थीसिया भी उपस्थित रहे और जन- जागरुकता में सक्रिय भूमिका निभाई।