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इंद्रधनुष में काला, भूरा और स्लेटी रंग क्यों नहीं होते?, जानें क्या है कारण

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 25, 2022 17:31 IST

इंद्रधनुष देखने के लिए हमें हवा में जल की कुछ बूंदों की मौजूदगी की जरूरत होती है - जैसे बारिश या कोहरा - और सूर्य हमारे ठीक पीछे हो तथा आसमान में काफी नीचे हो।

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ठळक मुद्दे इंद्रधनुष जल की बूंदों से गुजरने वाली रोशनी से बनता है।सूर्य से आने वाला प्रकाश हमें सफेद दिखाई देता है।रोजमर्रा की जिंदगी में हम जो सफेद रोशनी देखते हैं, वह असल में अलग-अलग रंगों के मिश्रण से बनी होती है।

नॉटिंघमः ब्रिटेन के केंट में रहने वाली चार वर्षीय इवी ने सवाल किया कि इंद्रधनुष में काला, भूरा और स्लेटी जैसे रंग क्यों नहीं होते? बारिश के बाद सूरज की किरण धरती पर पड़ने के दौरान हममें से कई लोगों ने आसमान में इंद्रधनुष देखा है। हालांकि, इंद्रधनुष देखने के लिए, मौसमी दशाओं का अनुकूल होना आवश्यक है।

 

इंद्रधनुष देखने के लिए हमें हवा में जल की कुछ बूंदों की मौजूदगी की जरूरत होती है - जैसे बारिश या कोहरा - और सूर्य हमारे ठीक पीछे हो तथा आसमान में काफी नीचे हो। ऐसा इसलिए है कि इंद्रधनुष जल की बूंदों से गुजरने वाली रोशनी से बनता है। सूर्य से आने वाला प्रकाश हमें सफेद दिखाई देता है।

लेकिन रोजमर्रा की जिंदगी में हम जो सफेद रोशनी देखते हैं, वह असल में अलग-अलग रंगों के मिश्रण से बनी होती है। जब प्रकाश बारिश की बूंदों से होकर गुजरता है, तो ये रंग अलग हो जाते हैं। प्रकाश की तरंगे: आप इसे देखकर नहीं समझ सकेंगे, लेकिन प्रकाश तरंगों में यात्रा करता है, ठीक उसी तरह जैसे कि समुद्र में लहरें चलती हैं।

इंद्रधनुष के प्रत्येक रंग में वह होता है, जिसे हम एक अलग ‘‘तरंग दैर्ध्य’’ कहते हैं। इसका मतलब है कि तरंग के शीर्ष पर हर रंग के लिए अलग-अलग दूरी होती है। सबसे कम तरंग दैर्ध्य वाले बैंगनी से लेकर सबसे लंबे तरंग दैर्ध्य वाले लाल रंग तक, जिन्हें ‘‘दिखने योग्य स्पेक्ट्रम’’ कहा जाता है। बारिश की बूंदें हमारी आंसू की बूंदों की तुलना में छोटी गेंदों की तरह अधिक दिखती हैं।

जब प्रकाश पानी के इन छोटे गोलों में से एक से टकराता है, तो प्रकाश दिशा बदल सकता है। हम इसे ‘‘अपवर्तन’’ कहते हैं। अलग-अलग तरंग दैर्ध्य में से प्रत्येक को थोड़ी अलग मात्रा में अपवर्तित किया जाता है। यदि प्रकाश समकोण पर वर्षा की बूंद से टकराता है, तो अपवर्तन तरंग दैर्ध्य को उनके अलग-अलग रंगों में अलग कर देता है।

बारिश की बहुत सारी बूंदों के माध्यम से बहुत सारा प्रकाश अपवर्तित होने के कारण, हम इन रंगों को आकाश में इंद्रधनुष के रूप में देखते हैं। रंगों के सामने आने का क्रम इस बात से निर्धारित होता है कि उनकी तरंग दैर्ध्य कितनी लंबी है। जब हम इंद्रधनुष के बारे में सीखते हैं, तो हमें बताया जाता है कि इसमें सात रंग होते हैं : लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, गहरा नीला और बैंगनी।

लेकिन, यह पूरी तरह सच नहीं है। इंद्रधनुष में रंग: अलग-अलग रंग एक दूसरे में मिल जाते हैं, और यह बताना मुश्किल है कि एक रंग कहां समाप्त होता है और दूसरा शुरू होता है। जहां वे मिश्रित होते हैं, उनके बीच अन्य रंग हैं, जैसे नीले और हरे के बीच फिरोजी रंग। स्पेक्ट्रम में नीला और हरा एक दूसरे के बगल में हैं, यही कारण है कि हम फिरोजी रंग देख सकते हैं, जहां वे एक दूसरे में मिश्रित होते हैं।

हालांकि, कुछ रंग ऐसे रंगों के मिश्रण होते हैं जो स्पेक्ट्रम में एक दूसरे के बगल में नहीं होते हैं। उदाहरण के लिए, भूरा रंग लाल और हरे रंग का मिश्रण है। लेकिन, इंद्रधनुष में लाल और हरी पट्टी एक दूसरे के बगल में नहीं हैं इसलिए हम उन्हें भूरा रंग बनाने के लिए मिलते हुए नहीं देख पाते।

टॅग्स :अमेरिकाइसरोनासा
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