जिनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि कोरोना वायरस टीके की बूस्टर खुराक अब लोगों को पेश की जानी चाहिए। उसने कहा कि इसकी शुरुआत सबसे कमजोर लोगों से की जानी चाहिए। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वैश्विक स्तर पर टीके की आपूर्ति में सुधार हो रहा है। हालांकि इसके बावजूद दुनिया के अलग-अलग देशों में कोरोना के मामलों में बढ़ौत्तरी देखने को मिली है। भारत में ही हर रोज मामले बढ़ते दिख रहे हैं। ऐसे लोगों को एकमात्र उम्मीद अब बूस्टर खोराक पर है।
क्या कहा डब्ल्यूएचओ ने
संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि वह अब फाइजर-बायोएनटेक टीके की बूस्टर खुराक की सिफारिश कर रही है, जिसे पहली दो खुराक प्राप्त करने के लगभग चार से छह महीने बाद, सर्वोच्च प्राथमिकता वाले समूहों में दिया जाना शुरू किया जाना चाहिए। पिछले साल, डब्ल्यूएचओ ने अमीर देशों से 2021 के अंत तक बूस्टर खुराक की पेशकश पर स्थगन घोषित करने का अनुरोध किया था।
बूस्टर टीकाकरण को सही से करना हो इस्तेमाल
डब्ल्यूएचओ की टीकाकरण पर निदेशक डा. केट ओ ब्रायन ने कहा, ‘‘बूस्टर टीकाकरण कार्यक्रम का हिस्सा हैं, लेकिन इसका मतलब सभी उम्र के लिए उपयोग करना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सर्वोच्च प्राथमिकता वाले समूहों के टीकाकरण पर सबसे अधिक ध्यान दे रहे हैं।’’
कोरोना टीका पर क्या केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि संक्रमित पाए गए व्यक्तियों के टीकाकरण में तीन महीने की देरी होगी। इसमें ‘एहतियाती’ खुराक भी शामिल है।
सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को भेजे गए पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव विकास शील ने कहा, ‘‘कृपया ध्यान दें- जिन व्यक्तियों की जांच में सार्स सीओवी-2 कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है अब उन्हें ठीक होने के तीन महीने बाद खुराक दी जाएगी।
इसमें ‘एहतियाती’ खुराक भी शामिल है।’’ शील ने कहा, ‘‘मैं अनुरोध करता हूं कि संबंधित अधिकारी इसका संज्ञान लें।’’