आपने नोटिस किया होगा कि बाजार की कई दुकानों, फूड स्टोर या मॉल में मिलने वाले फ्रूट्स पर छोटे-छोटे स्टीकर लगे होते हैं। अगर आपको याद हो, तो आपने कई बार देखा होगा कि सेब पर लगे छोटे स्टीकर में ओके लिखा रहता है। क्या आपने कभी यह सोचा है कि फ्रूट्स पर स्टीकर लगाने के क्या कारण हैं? अगर आप फ्रूट्स पर लगे कोड को पहचान लें, तो आपको फलों के बारे में कई जानकारियां मिल सकती हैं। इससे आपको यह पता चल सकता है कि आपको कौन-सा फल लेना चाहिए और कौन सा-नहीं।
फ्रूट्स पर लगे स्टीकर का क्या है मतलब
अधिकतर दुकानदार फलों पर प्राइस लुक अप (पीएलयू कोड) का स्टीकर लगाकर रखते हैं। इसे सेब, आम और पपीते जैसे फलों पर लगाया जाता है। इस स्टीकर में 4 अंकों वाला कोड होता है। अगर यह कोड 4 या 3 नंबर से शुरू होता है, तो इसका मतलब यह होता है कि फल की खेती के दौरान कीटनाशक और रसायन का इस्तेमाल किया गया है। जाहिर है इस तरह के फल आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। इसके अलावा अगर किसी फल पर 5 अंकों के कोड का स्टीकर लगा हुआ है और यह 8 या 9 नंबर से शुरू हुआ है, तो इसका मतलब यह है कि इसकी खेती जैविक तरीके से हुई है। न्यूट्रिशनिश्ट ऐसा मानते हैं कि ऑर्गेनिक फूड सेहत के लिए बेहतर होते हैं।
स्टीकर खाने से क्या होता है
कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि स्टीकर लगे फ्रूट्स नहीं खाने चाहिए। लेकिन एफडीए की मानें, तो फ्रूट्स पर लगे स्टीकर्स 'एडिबल पेपर' से बना होता है, जिसे थोड़ी मात्रा में खाने से नुकसान नहीं होता है। इतना ही नहीं इस स्टीकर पर जो गोंद लगा होता है, उसे खाने से भी नुकसान नहीं होता है। हालांकि आपको फ्रूट्स खाने से पहले स्टीकर हटा देना चाहिए।
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