Vitiligo Causes: त्वचा पर सफेद दाग आने को लेकर अपने समाज में आज भी कई गलतफहमियां हैं. हालांकि विशेषज्ञों के मुताबिक यह बीमारी ऑटो इम्यून कंडिशन से संबंधित है और इम्युनिटी सिस्टम के असंतुलन के कारण होती है. यह बीमारी फैलती भी नहीं है और इसका उपचार संभव है. त्वचा पर सफेद दाग नजर आए तो घबराने या मायूस होने के बजाय विशेषज्ञ को बताकर सही उपचार कराना चाहिए.
किसी भी उम्र में हो सकती है बीमारी
त्वचा पर सफेद दाग आने की बीमारी को मेडिकल की भाषा में विटीलाइगो कहा जाता है. यह ऑटो इम्यून बीमारी है, जो किसी भी जेंडर में और किसी भी उम्र में हो सकती है. उम्र और तीव्रता देखकर इसका उपचार तय किया जाता है. इस बीमारी को लेकर हमारे समाज में अनेक गलतफहमियां फैली हुई हैं, जैसे यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे में फैलती है, दूध पीने या मछली खाने से यह बीमारी होती है आदि.
वास्तव में स्किन में कलर निर्माण करने वाली पेशियां खत्म हो जाने के कारण स्किन का कलर नहीं बन पाता है. इसके कारण उस जगह पर सफेद दाग नजर आता है. आगे चलकर इस दाग का आकार बढ़ता जाता है या इसकी संख्या में इजाफा होता है. हालांकि यह बीमारी स्किन के अलावा अन्य किसी भी अवयव जैसे किडनी, लीवर आदि पर असर नहीं करती है.
इसका उपचार क्या है?
सबसे पहले तो त्वचा पर सफेद दाग दिखाई दे तो समाज में फैली गलतफहमियों से डिप्रेस नहीं होना चाहिए. डॉक्टर से मिलकर बीमारी को अच्छी तरह समझ लें. इसके बाद सही उपचार लें. इस बीमारी के लिए ओरल ट्रीटमेंट, क्रीम्स, सर्जिकल ट्रीटमेंट, फोटो थेरेपी आदि उपचार उपलब्ध है. मरीज की उम्र और बीमारी की तीव्रता देखकर डॉक्टर उपचार का चयन करते हैं.
इसके लक्षण क्या है?
इस बीमारी का मुख्य लक्षण तो त्वचा पर सफेद दाग नजर आना ही है. यह दाग दूध जैसे सफेद होते हैं. धीरे-धीरे करके दाग का आकार बढ़ता जाता है और इनकी संख्या भी बढ़ सकती है. इसलिए लक्षण दिखते ही तुरंत त्वचा रोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए ताकि बीमारी बढ़ने से पहले ही उसका उपचार कर उससे राहत मिल सके. इस बीमारी में सफेद दाग शरीर पर किसी भी जगह बन सकते हैं.
हर सफेद दाग विटीलाइगो नहीं होता : डॉ. पूजा पडोले
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. पूजा पडोले ने बताया कि त्वचा पर नजर आने वाला हर सफेद दाग विटीलाइगो नहीं होता है. ये दाग फंगल इंफेक्शन, चोट लगने, मौसम के कारण बच्चों के गालों पर नजर आने वाले दाग आदि भी हो सकते हैं. इसके लिए डॉक्टर से मिलना जरूरी है.
ऐसा नजर आए तो मायूस नहीं होना है बल्कि डॉक्टर से अच्छी तरह समझ लें. इसके बाद उपचार करवाएं. ध्यान रहे कि यह बीमारी लाइलाज नहीं है और यह एक व्यक्ति से दूसरे में फैलती नहीं है और यह दूध पीने या मछली खाने से नहीं होती है.
ठंड में बच्चों के गालों पर दाग से न घबराएं
आमतौर पर ठंड के मौसम में बच्चों के गालों पर सफेद दाग नजर आते हैं. यह विटीलाइगो की बीमारी नहीं है बल्कि यह सूखेपन के कारण होता है. इससे घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि सही माॅइस्चराइजिंग क्रीम और माइल्ड सोप का इस्तेमाल करके इस समस्या से बचा जा सकता है.