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विटामिन बी3 सप्लीमेंट त्वचा कैंसर के खतरे को कम करने में कारगर?, अमेरिका में 33,000 से ज्यादा उम्रदराज लोगों पर शोध

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 12, 2025 16:39 IST

साक्ष्य का दायरा, व्यापकता और स्पष्ट नतीजे त्वचा कैंसर की रोकथाम के तरीकों पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

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ठळक मुद्दे विटामिन की गोली को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से त्वचा कैंसर का खतरा काफी कम हो सकता है। कैंसर का कारण लगातार धूप में रहने, गोरी त्वचा और उम्र बढ़ने से जुड़ा है।त्वचा कैंसर दुनिया का सबसे आम प्रकार का कैंसर है।

लंदनः त्वचा कैंसर से संबंधित एक नये शोध से प्राप्त निष्कर्ष से इसकी रोकथाम की दिशा में एक बड़ा हथियार मिला है, जो दर्शाता है कि रोजाना लिया जाने वाला एक विटामिन सप्लीमेंट दुनिया में कैंसर के सबसे आम स्वरूप के कई मामलों को रोक सकता है। यह सप्लीमेंट निकोटिनामाइड है, जो विटामिन बी3 का एक रूप है। जहां पिछले अध्ययनों ने इसके संभावित लाभ का संकेत दिया था, वहीं अमेरिका में 33,000 से ज्यादा उम्रदराज लोगों पर किए गए नवीनतम शोध से पता चलता है कि इस साधारण विटामिन की गोली को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से त्वचा कैंसर का खतरा काफी कम हो सकता है।

खासकर उन लोगों में, जो पहले ही इसका अनुभव कर चुके हैं। इस साक्ष्य का दायरा, व्यापकता और स्पष्ट नतीजे त्वचा कैंसर की रोकथाम के तरीकों पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। त्वचा कैंसर दुनिया का सबसे आम प्रकार का कैंसर है। इस कैंसर का कारण लगातार धूप में रहने, गोरी त्वचा और उम्र बढ़ने से जुड़ा है।

रोकथाम की मौजूदा रणनीतियां पराबैंगनी (यूवी) किरणों से बचाव और ‘सनस्क्रीन लोशन’ के इस्तेमाल पर केंद्रित हैं। यह भी देखने में आया है कि एक बार त्वचा कैंसर का पता चलने पर कई बार रोगियों को इसकी पुनरावृत्ति का सामना करना पड़ता है। निकोटिनामाइड एक सस्ता और व्यापक रूप से उपलब्ध सप्लीमेंट है, जिसका इस्तेमाल त्वचा कैंसर से बचाव के लिए किया जा सकता है।

शोधकर्ताओं ने पाया कि विटामिन बी3 का यह रूप पराबैंगनी किरणों से होने वाली क्षति के बाद त्वचा की प्राकृतिक मरम्मत प्रणालियों को मजबूत करता है, सूजन कम करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को असामान्य कोशिकाओं का पता लगाने तथा उन्हें हटाने में मदद करता है। नये अध्ययन में 12,000 से अधिक रोगियों, जिन्होंने एक महीने से अधिक समय तक प्रतिदिन दो बार 500 मिलीग्राम निकोटिनामाइड लेना शुरू किया, की तुलना 21,000 से अधिक रोगियों से की गई, जिन्होंने इसे नहीं लिया। निकोटिनामाइड लेने वालों में फिर से त्वचा कैंसर के विकास का जोखिम 14 प्रतिशत कम देखा गया।

पहली बार त्वचा कैंसर का पता चलने के तुरंत बाद इसका सेवन शुरू करने पर सुरक्षात्मक प्रभाव सबसे गहरा था, जिसके परिणामस्वरूप अन्य कैंसर के जोखिम में भी 54 प्रतिशत की कमी आई। यह रेखांकित करना जरूरी है कि, हालांकि ये निष्कर्ष आशापूर्ण हैं, लेकिन यह सुझाव नहीं देते कि निकोटिनामाइड को धूप से बचने या त्वचा की नियमित जांच की जगह ले लेनी चाहिए।

टोपी पहनना, सनस्क्रीन लगाना और छाया में रहना रोकथाम के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं। फिर भी, निकोटिनामाइड की सुगम उपलब्धता, सुरक्षा और किफायती होने का मतलब है कि इसे दैनिक सप्लीमेंट के रूप में शामिल करना ज्यादातर लोगों के लिए एक सुलभ कदम है, खासकर उन लोगों के लिए जिनका त्वचा कैंसर का पुराना इतिहास रहा है।

त्वचा विशेषज्ञों के लिए, यह त्वचा कैंसर की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली उन दवाओं की तुलना में एक आकर्षक विकल्प है, जो ज्यादा महंगी हो सकती हैं या जिनके दुष्प्रभाव अधिक गंभीर हो सकते हैं। यह शोध सभी सवालों का जवाब नहीं देता।

यह देखना बाकी है कि निकोटिनामाइड बहुत लंबी अवधि में कितना प्रभावी साबित होता है और क्या इसका लाभ सभी के लिए उतना ही कारगर है। इसके अलावा, जिन लोगों को कभी त्वचा कैंसर नहीं हुआ, उन पर ध्यान केंद्रित नहीं किया गया, इसलिए व्यापक सुझाव केवल उन लोगों के लिए ही रहने की संभावना है, जिनका पहले से कैंसर से पीड़ित होने का इतिहास रहा है।

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