राजीव दीक्षित टिप्स: नहाने के लिए साबुन नहीं दूध का करें इस्तेमाल वरना...., जानें मिल्क से नहाने के चमत्कारी फायदे और तरीका
By आजाद खान | Published: May 27, 2023 04:13 PM2023-05-27T16:13:49+5:302023-05-27T16:22:15+5:30
राजीव दीक्षित की अगर माने तो साबुस के बजाय दूध से नहाने के कई फायदे है। उनके अनुसार, साबुन के मुकाबले दूध दो मिनट में गंदगी को शरीर से बाहर निकाल देता है।
Bath Tips by Rajiv Dixit: आजकल नहाने के लिए हम क्या इस्तेमाल करते है....इसका जवाब है साबुन। लेकिन क्या आपको पता है कि कई जानकार जिनमें राजीव दीक्षित का भी नाम सामने आता है जो एक भारतीय समाजिक कार्यकर्त्ता और योग और आयुर्वेद के अच्छे ज्ञाता के रूप में जाने जाते हैं, वे साबुन के इस्तेमाल से मना करते है।
उनका कहना है कि हर किसी को साबुन के बजाय दूध से नहाना चाहिए। उन्होंने साबुन के बजाय दूध से नहाने के कई फायदे भी गिनाए है और अपनी बात को साबित करने के लिए की उदाहरण भी दिए है। ऐसे में आइए जान लेते है कि दूध से नहाने के पीछे राजीव दीक्षित का क्या तर्क है और किसी भी सीजन में मिल्क से नहाने या इसे शरीर पर लगाने के क्या फायदे है।
दूध से नहाने के फायदे और तरीका
राजीव दीक्षित के अनुसार, दूध से नहाने से शरीर की गंदगी निकल जाती है और इससे शरीर पूरा साफ हो जाता है। उन्होंने बताया कि पूरी दुनिया में दूध ही एक ऐसी चीज है जिसे लगाने के दो मिनट के अंदर ही वह गंदगी को बाहर निकाल देता है। इसके लिए राजीव दीक्षित ने थोड़ी सी दूध और रोई लेने को कहा है और बोला है कि दूध में रोई को भिंगाकर चेहरे पर लगा लें और देखें कि कुछ ही देर में आपका चेहरा साफ हो जाएगा।
यही नहीं उन्होंने दूध से नहाने का तरीका भी बताया है और कहा है कि थोड़ी मात्रा में दो या तीन चम्मच दूध ले लें और फिर उसे तेल की तरह शरीर पर घिस लें। इसके बाद पूरे शरीर पर पानी गिरा लें और इस तरीके से आपका शरीर भी साफ हो जाएगा और उसकी गंदगी निकल जाएगी और आपका नहाना भी हो जाएगा।
दूध के स्नान के और फायदे
दूध स्नान का मतलब है कि आप दूध के साथ पानी में नहाते हैं। यह एक पुराना और अच्छा तरीका है अपनी खूबसूरती को बढ़ाने का। दूध में जो चीजें होती हैं, वो आपकी त्वचा को कोमल, साफ और सेहतमंद रखती हैं। दूध स्नान से आपको आराम मिलता है, आपको अच्छी नींद आती है और आपका सरीर मजबूत होता है।
यही नहीं दूध से नहाने से त्वचा साफ, मुलायम, सुपल, स्वस्थ, संक्रमण-मुक्त, पिम्पल-मुक्त, प्रकाशमान और सुंदर भी बनाता है। यही नहीं इससे तनाव, मानसिक थकान, मस्तिष्क की कमी और मनोरोग भी कम होता है।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Lokmat Hindi News इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले या इसके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए डॉक्टरों से जरूर संपर्क करें।)