लाइव न्यूज़ :

अमेरिका ने प्रसव के बाद होने वाले अवसाद के इलाज लिए दुनिया की पहली खाने वाली दवा को दी मंजूरी, जानिए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 6, 2023 11:38 IST

अमेरिका ने महिलाओं को प्रसव के बाद होने वाले अवसाद (पीपीडी) के इलाज के लिए बायोजेन और सेज थेरेप्यूटिक्स की खाने वाली टैबलेट को मंजूरी दे दी है।

Open in App

अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने महिलाओं को प्रसव के बाद होने वाले अवसाद (पीपीडी) के इलाज के लिए बायोजेन और सेज थेरेप्यूटिक्स की खाने वाली टैबलेट (गोली) को मंजूरी दे दी है। कंपनियों ने ज़ुर्ज़ुवावे (Zurzuvae) नाम की दवा के लिए मंजूरी मांगी थी। यह दवा प्रमुख रूप से अवसादग्रस्तता विकार (एमडीडी) या क्लिनिकल डिप्रेशन के साथ-साथ प्रसव के बाद होने वाले अवसाद का भी इलाज करती है। 

पीपीडी दरअसल गर्भावस्था के बाद एक महिला की सामान्य कामकाज पर लौटने की क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। यह कई बार महिला के अपने नवजात बच्चे के साथ रिश्ते को भी प्रभावित कर सकता है।

सेज थेरेप्यूटिक्स और बायोजेन ने एक बयान में कहा, 'यूएस ड्रग एनफोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा नियंत्रित पदार्थ के रूप में शेड्यूल किए जाने के तुरंत बाद ज़ुर्ज़ुवावे के 2023 की चौथी तिमाही में लॉन्च होने और व्यावसायिक रूप से उपलब्ध होने की उम्मीद है।'

ज़ुर्ज़ुवावे के बारे में FDA ने क्या कहा?

एफडीए ने एमडीडी वाले वयस्कों के इलाज में ज़ुर्ज़ुवावे के लिए नई दवा के आवेदन के लिए एक पूर्ण प्रतिक्रिया पत्र जारी किया है। इस बयान में कहा गया है कि आवेदन ने एमडीडी के इलाज के लिए ज़ुर्ज़ुवावे की प्रभावशीलता का पर्याप्त सबूत नहीं दिया है। एजेंसी ने कहा कि अनुमोदन का समर्थन करने के लिए अतिरिक्त अध्ययन की आवश्यकता होगी। सेज और बायोजेन ने कहा कि वे फीडबैक की समीक्षा कर रहे हैं और अगले कदमों का मूल्यांकन कर रहे हैं।

एफडीए के मनोरोग दवाओं के निदेशक डॉ. टिफ़नी फार्चियोन ने एक बयान में कहा, 'अत्यधिक और कभी-कभी जीवन-घातक भावनाओं से जूझ रही इन महिलाओं में से कई के लिए मौखिक दवा तक पहुंच एक फायदेमंद विकल्प होगा।'

एफडीए ने कहा कि अब तक प्रसवोत्तर अवसाद का इलाज केवल नसों में दिए जाने वाले इंजेक्शन के रूप में उपलब्ध था। इस विकार से कितने लोग प्रभावित हैं?

साल 2021 में, अमेरिका में अनुमानित 21 मिलियन वयस्कों को प्रमुख अवसादग्रस्तता विकार से गुजरना पड़ा है। वहीं, पीपीडी बच्चे को जन्म देने वाली सात में से एक महिला को प्रभावित करता है। हालाँकि, यह अक्सर कुछ हफ़्ते के भीतर अपने आप समाप्त हो जाता है। कई बार यह महीनों या वर्षों तक भी जारी रह सकता है। उपचार में आमतौर पर परामर्श या अवसादरोधी दवाएं शामिल होती हैं, जिन्हें काम करने में कई सप्ताह लग सकते हैं।

टॅग्स :अमेरिकाप्रेगनेंसी
Open in App

संबंधित खबरें

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

विश्वTrump Health Report: व्हाइट हाइस ने जारी किया राष्ट्रपति ट्रंप का एमआरआई स्कैन, जानें हेल्थ रिपोर्ट में क्या आया सामने

विश्वअमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के लिए दो तीखे लाल मिर्च..!

कारोबार‘आधी भारतीय’ मेरी ‘पार्टनर’ शिवोन जिलिस?, एलन मस्क ने कहा-बच्चे का नाम नोबेल पुरस्कार विजेता सुब्रमण्यन चंद्रशेखर के नाम पर शेखर रखा

विश्व1 December, 2025: नगालैंड भारत का 16वां राज्य बना, मार्टिन लूथर किंग जूनियर के नेतृत्व में अश्वेत आंदोलन?, एक दिसंबर की तारीख पर दर्ज महत्वपूर्ण घटनाएं

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत