मद्यपान लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है। यह अन्य तरीकों से भी हानिकारक होता है। उदाहरण के लिए, पुरुषों को मद्यपान से महिलाओं की तुलना में ज़्यादा नुकसान होता है, जैसे आक्रामकता, दुर्घटनाएं और चोट। लेकिन जब कोई पुरुष शराब पीता है, तो अक्सर उसकी सबसे करीबी महिलाओं और बच्चों को भी इसकी कीमत चुकानी पड़ती है। मैं स्वास्थ्य अनुसंधानकर्ताओं के एक वैश्विक सहयोगी समूह का हिस्सा हूं, जो यह पता लगाने के लिए प्रयासरत है कि पुरुषों द्वारा शराब पीने से महिलाओं और बच्चों को किस प्रकार और कितना नुकसान पहुंचता है। हमारा हालिया अनुसंधान अमीर, गरीब और मध्यम आय वाले देशों के निष्कर्षों की तीन वैश्विक समीक्षाओं पर आधारित है। इनमें महिलाओं को होने वाले नुकसान, बच्चों को होने वाले नुकसान और पुरुषों द्वारा हानिकारक शराब पीने को कम करने के नीतिगत विकल्पों को शामिल किया गया है। इन समीक्षाओं में 1990 से 2023 के बीच 49 अध्ययनों और 11 समीक्षाओं को शामिल किया गया है। हमने नीति और व्यावहारिक प्रतिक्रियाओं के साथ-साथ अनुसंधान की दिशाएं निर्धारित करने के लिए साक्ष्यों का संकलन किया है। हमारे निष्कर्ष दुनिया भर में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य तथा कल्याण की दिशा में प्रगति के लिए संभावित व्यवस्थागत बदलावों का सुझाव देते हैं। हमने क्या पाया तीन समीक्षाओं में शामिल अध्ययनों से ज्ञात होता है कि पुरुष, महिलाओं की तुलना में अधिक शराब पीते हैं, और जब वे शराब के प्रभाव में होते हैं, तो कभी-कभी आक्रामकता और हिंसा, पारिवारिक जीवन में व्यवधान, नियंत्रण और यौन जबरदस्ती जैसे हानिकारक व्यवहारों में संलग्न हो जाते हैं।
वे अक्सर घर से बाहर भी रहते हैं और शराब पीने की जगहों पर सामन्यत: नजर आते हैं, या महिलाओं और बच्चों की जरूरतों को प्राथमिकता नहीं देते। जब पुरुष घर का पैसा शराब पर खर्च करते हैं, तो खाने, स्कूल की फीस या दवा के लिए पर्याप्त पैसा नहीं बचता। इससे महिलाओं और बच्चों को भी परेशानी होती है। महिलाओं ने बताया कि शराब के नशे में पुरुषों द्वारा की जाने वाली हिंसा और आक्रामकता में उन्हें मुक्का मारना, लात मारना, जलाना और पीटना शामिल था। लेकिन पुरुषों के शराब पीने के प्रभाव हमेशा प्रत्यक्ष नहीं होते। कई महिलाओं ने शराब पीने वाले साथी के कारण होने वाले छिपे हुए नुकसानों के बारे में भी बात की। उन्होंने अपनी असहजता और शर्मिंदगी का जिक्र किया। अपेक्षित सार्वजनिक अपमान से बचने के लिए खुद को अलग-थलग कर लिया, और शराब पीने वाले साथी के साथ होने पर भी अकेलेपन की भावना व्यक्त की। ये तनाव अवसाद, अनिद्रा, या यहां तक कि आत्महत्या के विचारों को भी जन्म दे सकते हैं। एक महिला ने कहा : मुझे सच में उससे नफरत है कि शराब उसके साथ क्या करती है। हम घर पर झगड़ते हैं, अगले ही पल, वह नशे में मेरे दफ़्तर पर आ जाता है और मांग करता है कि हम वहीं अपनी लड़ाई के बारे में बात करें। वह मुझे दफ्तर में शर्मिंदा करता है। दूसरी महिला ने कहा : यदि मेरे आस-पास लोग बहुत अधिक शराब पीते हैं तो मुझे एक प्रकार से आघात लगता है, इसलिए मैं उस क्षेत्र में ज्यादा मेलजोल नहीं करती। बच्चे भी प्रभावित होते हैं जब पुरुष शराब पीते हैं, तो इससे बच्चों को सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान हो सकता है।
एक तरफ, पुरुष अपने बच्चों को अपनी हिंसा का निशाना बनाकर या अपनी ही हिंसा का प्रत्यक्षदर्शी बनाकर उनकी सुरक्षा और भलाई को खतरे में डाल सकते हैं। अनुसंधान में पाया गया है कि जब बच्चे ऐसे घरों में बड़े होते हैं जहां हिंसा होती है, तो उनपर कई नकारात्मक असर होने का जोखिम होता है। इनमें स्कूल में खराब प्रदर्शन, आत्मविश्वास की कमी और बच्चों का खुद हिंसा का शिकार या अपराधी बनना शामिल हो सकता है। जब घर में लड़ाई होती है, तो बच्चे सक्रिय या परोक्ष पीड़ित होते हैं। पूर्व अध्ययनों की समीक्षा में जानकारी मिलती है कि पुरुषों के शराब पीने से बच्चों की अनदेखी और उनके साथ बुरा बर्ताव भी हो सकता है। जिन बच्चों के पिता बहुत ज़्यादा शराब पीते हैं, वे शायद उनके उतने करीब महसूस न करें, क्योंकि जब उनके पिता शराब पीते हैं तो उन्हें डर लगता है। शराब पीने से घर में ज्यादा झगड़े हो सकते हैं, परिवार की ज़िम्मेदारियों को नजरअंदाज किया जा सकता है, या दूरियां बढ़ सकती हैं। मद्यपान को अक्सर एक निजी मामला माना जाता है, लेकिन शराब का इस्तेमाल समाज, समुदाय और घर के लेवल पर कई वजहों से प्रभावित होता है। उदाहरण के लिए, शराब से जुड़े कानून और नीतियां शराब की उपलब्धता, आस-पड़ोस में शराब की दुकानों की संख्या और लोग किस उम्र में शराब खरीद सकते हैं, इस पर असर डालती हैं। शराब पीने से घरों, समुदायों और समाज में सेहत और सुरक्षा पर असर पड़ता है। हमने पाया कि गरीब देशों में महिलाएं और बच्चे पुरुषों के मद्यपान से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं क्योंकि उनके पास कम संसाधन होते हैं।
साथ ही, अमीर देशों के मुकाबले गरीब देशों में पुरुषों का शराब पीना और महिलाओं के साथ बुरा बर्ताव करना, दोनों ही सामन्य माना जाता है। हम क्या कर सकते हैं सरकारें और स्वास्थ्य एजेंसियां अधिकतर शराब पीने वालों को होने वाले नुकसान को कम करने पर ध्यान देती हैं। इसलिए, नीति, कार्यक्रम और सेवा हर किसी के लिए अलग-अलग होती हैं। हालांकि अनुसंधान से ज्ञात होता है कि शराब पीने वालों को ‘एल्कोहॉलिक्स एनॉनिमस’ जैसे सहकर्मी सहायता कार्यक्रमों के माध्यम से या संक्षिप्त हस्तक्षेप सहित व्यक्तिगत मनोवैज्ञानिक सहायता प्राप्त करके मदद की जा सकती है, लेकिन ये कार्यक्रम एक ऐसे सामाजिक और नीतिगत वातावरण में होने चाहिए जो सकारात्मक परिवर्तन का समर्थन करता हो, और जो लैंगिक भेद को ध्यान में रखता हो। हमारे अध्ययन में पाया गया कि नीतियों और कार्यक्रमों में दूसरों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों को होने वाले नुकसान पर विचार किया जाना चाहिए। ऐसा करने का एक तरीका यह है कि शराब से संबंधित हस्तक्षेपों को समुदाय-आधारित हस्तक्षेपों के साथ जोड़ा जाए, जो विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों को प्रभावित करने वाले नुकसानों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।