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रिटायरमेंट के बाद 10000000 रुपये से जीवन काट लेंगे?, 10 में से 7 ने सर्वे में कहा हां, देखिए लोगों ने और क्या कहा...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 29, 2025 17:05 IST

स्वास्थ्य तैयारी में सबसे ज्यादा सुधार देखा गया है, जिससे पता चलता है कि भारत अब सेवानिवृत्ति सुरक्षा का आधार संपूर्ण स्वास्थ्य यानी ‘वेलनेस’ को मानने लगा है।

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ठळक मुद्देभारत का सेवानिवृत्ति सूचकांक वर्ष 2022 के 44 से बढ़कर 2025 में 48 पर पहुंच गया है।फिटनेस आदतों, नियमित स्वास्थ्य जांच और बीमा कवरेज में वृद्धि के कारण हुआ है। सर्वेक्षण देश के 28 शहरों में 25 से 65 वर्ष आयु वर्ग के 2,242 लोगों के बीच किया गया था।

नई दिल्लीः देश में लोगों के बीच सेवानिवृत्ति के बाद की जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक धनराशि को लेकर जागरूकता अब भी बहुत कम है। हालांकि, 10 में से सात लोगों का मानना है कि एक करोड़ रुपये का कोष उनके आरामदायक सेवानिवृत्त जीवन के लिए पर्याप्त होगा। एक्सिस मैक्स लाइफ इंश्योरेंस की वार्षिक अध्ययन रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है। ‘भारत सेवानिवृत्ति सूचकांक अध्ययन’ रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का सेवानिवृत्ति सूचकांक वर्ष 2022 के 44 से बढ़कर 2025 में 48 पर पहुंच गया है।

यह सुधार मुख्य रूप से बेहतर फिटनेस आदतों, नियमित स्वास्थ्य जांच और बीमा कवरेज में वृद्धि के कारण हुआ है। रिपोर्ट कहती है कि लोगों का वित्तीय आत्मविश्वास स्थिर बना हुआ है, लेकिन सेवानिवृत्ति कोष को लेकर उनकी समझ थोड़ी कमजोर है। स्वास्थ्य तैयारी में सबसे ज्यादा सुधार देखा गया है, जिससे पता चलता है कि भारत अब सेवानिवृत्ति सुरक्षा का आधार संपूर्ण स्वास्थ्य यानी ‘वेलनेस’ को मानने लगा है।

यह सर्वेक्षण देश के 28 शहरों में 25 से 65 वर्ष आयु वर्ग के 2,242 लोगों के बीच किया गया था। इनमें से आधे वेतनभोगी और आधे स्वरोजगार वाले हैं, जिनकी वार्षिक आय पांच लाख रुपये या उससे अधिक है। सर्वे के मुताबिक, 50 प्रतिशत लोगों का मानना है कि सेवानिवृत्ति की योजना कमाई शुरू होने के साथ और 35 वर्ष की आयु से पहले शुरू कर देनी चाहिए।

एक्सिस मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुमित मदान ने कहा, “यह वार्षिक अध्ययन इस बात का संकेत है कि अब उपभोक्ता अधिक जागरूक, स्वास्थ्य को लेकर सजग और दीर्घकालिक वित्तीय योजना को लेकर अधिक आत्मविश्वासी हो रहे हैं।”

मदान ने कहा कि अब अगली चुनौती सेवानिवृत्ति के बाद की सुकून वाली जिंदगी के लिए पर्याप्त कोष बनाने और मानसिक दृढ़ता बढ़ाने की है। इस अध्ययन में पहली बार विदेश से लौटे कामगारों और अस्थायी काम करने वाले गिग पेशेवरों को भी अलग वर्ग के रूप में शामिल किया गया है।

टॅग्स :Health and Family Welfare DepartmentIndian Rupee
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