हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर जैसी 6 जानलेवा हार्ट डिजीज से बचाएगी सिर्फ एक गोली, जानें कब आएगी बाजार में
By उस्मान | Published: August 26, 2019 04:46 PM2019-08-26T16:46:38+5:302019-08-26T16:46:38+5:30
हार्ट डिजीज के मरीजों को लंबे समय तक दवाओं का सहारा लेना होता है और इसका इलाज भी सबसे महंगा होता है. इस दवा के आने पर बहुत कीमत पर इन जानलेवा बीमारियों से बचा जा सकेगा.
दिल से जुड़ीं बीमारियों (Cardiovascular diseases (CVDs) में हार्ट और वेसेल्स से जुड़े रोग जैसे क्रोनरी हार्ट डिजीज, सेरेब्रोवास्कुलर डिजीज, रूमैटिक हार्ट डिजीज आदि शामिल हैं। इससे दुनियाभर में हर साल 17.9 मिलियन लोगों की मौत होती है। इसमें 85 फीसदी मौत सिर्फ हार्ट अटैक और स्ट्रोक की वजह से होती है।
इन बीमारियों का इलाज भी सबसे महंगा है। एक अच्छी खबर यह है कि वैज्ञानिक ऐसी दवा बना रहे हैं जिसकी दिन में सिर्फ एक गोली खाने से आपको हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हार्ट फेलियर जैसी जानलेवा स्थितियों से निबटने में मदद मिल सकती है। इसका ट्रायल शुरू हो चुका है। इस दवा का नाम 'पॉलीपिल' है।
वेबएमडी पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, इस दवा ने पांच साल की अवधि के दौरान 50 से 75 वर्ष की आयु के 3,400 से अधिक लोगों के समूह में जानलेवा हार्ट डिजीज से जुड़ीं स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम किया है। शोधकर्ताओं के अनुसार, पॉलीपिल में दो सामान्य रक्तचाप वाली दवाएं, एक कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले स्टैटिन और एस्पिरिन शामिल हैं।
शोधकर्ता बताते हैं कि पॉलीपिल हृदय रोग को रोकने में प्रभावी है और हृदय रोगों को रोकने के लिए इस दवा पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। शोधकर्ताओं का मानना है कि दिल के मरीजों के लिए दवाओं का बहुत अधिक सेवन करना अच्छा नहीं है। लगभग एक तिहाई मरीज दिल का दौरा पड़ने के बाद 90 दिनों के भीतर दवाएं लेना बंद कर देते हैं।
इधर पॉलीपिल एक ऐसे दवा है जो बहुत ज्यादा महंगी नहीं है और इसे लेना भी बहुत आसान है। यही वजह है कि यह दवा दिल के मरीजों के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती है।
हालांकि, जिन लोगों को दिल का दौरा या स्ट्रोक का सामना नहीं करना पड़ा है, उनमें दिल की बीमारी को रोकने के लिए पॉलीपिल्स के इस्तेमाल का समर्थन करने वाले सबूतों में कमी है।
शोधकर्ताओं ने अध्ययन के नतीजे में पाया कि जो मरीज पॉलीपिल दवा ले रहे थे उन्हें पांच साल के बाद उन मरीजों की तुलना में हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा 34 फीसदी कम पाया गया था, जो बेहतर जीवनशैली अपना रहे थे। इन जटिलताओं में एक्यूट क्रोनरी सिंड्रोम, हार्ट अटैक, सडन हार्ट डेथ, हार्ट फेलियर, स्ट्रोक और नसों का ब्लॉक होना शामिल थे।