अब आपकी नींद बताएगा आप कितना झले सकते हैं खतरा- स्टडी, जानें नींद से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां

By आजाद खान | Updated: April 7, 2022 19:11 IST2022-04-07T17:48:06+5:302022-04-07T19:11:17+5:30

इस स्टडी में शामिल होने वाली महिला का कहना है, ‘किसी व्यक्ति की धीमी तरंगों की प्रोफाइल की सही व्याख्या सिर्फ सामान्य नींद के दौरान की जा सकती है।’

now your sleep will say how much you bear the danger claims a study health tips in hindi | अब आपकी नींद बताएगा आप कितना झले सकते हैं खतरा- स्टडी, जानें नींद से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां

अब आपकी नींद बताएगा आप कितना झले सकते हैं खतरा- स्टडी, जानें नींद से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां

Highlightsअब आपकी नींद आपके खतरे झेलने की क्षमता को बयान करेगी।हाल में ही हुई एक स्टडी में यह खुलासा हुआ है। इस स्टडी की पूरी जानकारी ‘न्यूरोइमेज (neuroimage)’ नामक जर्नल में छपी है।

नींद शरीर को रिफ्रेश करने के लिए काफी जरूरी चीज होती है। अच्छी और पूरी नींद न होने के कारण हमारे काम पर भी असर पड़ता है। जानकारों की माने तो हर इंसान को रोजाना सात से आठ घंटे तक सोना चाहिए। ऐसा करने वाले ही लोग अपने काम को सही से कर पाएंगे। लेकिन क्या आपको पता है कि आप अपनी नींद से भी पता लगा सकते हैं कि आप में खतरा मोल लेने में कितना दम है। 

इसका पता लगाने के लिए हाल ही में स्विट्जरलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ बर्न (University of Bern) के रिसर्चर्स ने एक स्टडी की थी। इस स्टडी में 54 ऐसे लोगों को लिया गया था जो अपने जीवन में भरपूर नींद लेते हैं। इन लोगों पर किए गए स्टडी में यह पता चला है कि सोने के दौरान किसी व्यक्ति के दिमाग की तरंगें खतरा लेने या झेलने की क्षमता का निर्धारण करती हैं। ऐसे में स्टडी के बाद, 

न्यूरोसाइंटिस्ट डारिया नोक (Daria Knoch) ने बताया, ‘गहरी नींद के दौरान किसी व्यक्ति के दाहिने प्रीफ्रंटल कार्टेक्स (Right Prefrontal Cortex) पर तरंगें जितनी धीमी होती हैं, रिस्क के लिए उसकी प्रवृत्ति उतनी ही अधिक होती है। ब्रेन का ये एरिया अन्य कार्यों के अलावा स्वयं के आवेगों को कंट्रोल करने के लिए महत्वपूर्ण है।’

स्टडी में यह भी पाया गया कि हर इंसान की एक खास न्यूरोनल स्लीप प्रोफाइल (Neuronal Sleep Profile) होती है जिससे उसके सोने की आदतों का पता लगता है। आपको बता दें कि इस स्टडी की पूरी जानकारी  ‘न्यूरोइमेज (neuroimage)’ नामक जर्नल में छपी है। इस स्टडी में शामिल लोरेना गैनोटी (Lorena R.R. Gianotti) की अगर माने तो ‘किसी व्यक्ति की धीमी तरंगों की प्रोफाइल की सही व्याख्या सिर्फ सामान्य नींद के दौरान की जा सकती है।’
 

Web Title: now your sleep will say how much you bear the danger claims a study health tips in hindi

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