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Monkeypox Virus: यहां 2024 की शुरुआत से अब तक मंकीपॉक्स से हो चुकी है 548 लोगों की मौत

By रुस्तम राणा | Updated: August 15, 2024 21:06 IST

Monkeypox Virus: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बुधवार को अफ्रीका में एमपॉक्स के उछाल को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया, क्योंकि वह डीआरसी में मामलों में वृद्धि और आस-पास के देशों में इसके फैलने से चिंतित है।

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ठळक मुद्देडेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में मंकीपॉक्स से वर्ष की शुरुआत से अब तक 548 लोगों की मौतमहामारी विज्ञान रिपोर्ट के अनुसार इस अफ्रीकी देश में वर्ष की शुरुआत से 15,664 मामले दर्जWHO ने अफ्रीका में एमपॉक्स के उछाल को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया

Monkeypox Virus: दुनियाभर में मंकीपॉक्स वायरस तेजी से फैल रहा है, जो कि दुनिया के लिए एक बड़ी चिंता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बुधवार को अफ्रीका में एमपॉक्स के उछाल को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया, क्योंकि वह डीआरसी में मामलों में वृद्धि और आस-पास के देशों में इसके फैलने से चिंतित है। कांगों में इस वायरस ने साल 2024 की शुरुआत से अब तक 500 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। 

इस देश के स्वास्थ्य मंत्री ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में एमपॉक्स प्रकोप ने वर्ष की शुरुआत से अब तक 548 लोगों की जान ले ली है, और सभी प्रांत वायरस से प्रभावित हैं। स्वास्थ्य मंत्री सैमुअल-रोजर काम्बा ने गुरुवार को एएफपी द्वारा देखे गए एक अलग वीडियो संदेश में कहा, "नवीनतम महामारी विज्ञान रिपोर्ट के अनुसार, हमारे देश में वर्ष की शुरुआत से 15,664 संभावित मामले और 548 मौतें दर्ज की गई हैं।"

डीआरसी 26 प्रांतों से बना है और इसकी आबादी लगभग 100 मिलियन है। कंबा ने कहा कि सबसे अधिक प्रभावित प्रांत दक्षिण किवु, उत्तर किवु, त्शोपो, इक्वेटर, उत्तर उबांगी, त्शुपा, मोंगाला और संकुरु हैं। संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी का यह निर्णय अफ्रीकी संघ के स्वास्थ्य निगरानी संस्था द्वारा बढ़ते प्रकोप के कारण अपने स्वयं के सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा करने के एक दिन बाद आया है।

कैसे मिला था बीमारी को मंकीपॉक्स नाम?

मंकीपॉक्स को इसका नाम इसलिए मिला क्योंकि इस बीमारी से जुड़े वायरस की पहचान मूल रूप से सबसे पहले 1958 में डेनमार्क में शोध के लिए रखे गए बंदरों में हुई थी। हालांकि यह बीमारी कई जानवरों में पाई जाती है, और चूहों आदि जैसे रोडेन्ट्स जानवरों में खूब मिलती है। यह वायरस पशुओं से फैलना शुरू हुआ और इंसानों में बहुत तेजी से फैला।

मंकीपॉक्स के लक्षण

मंकीपॉक्स चेचक की तरह होता है। इससे संक्रमण के 7 से 10 दिन में व्यक्त‍ि में लक्षण दिखने लगते हैं। इसमें लक्षण को तौर पर संक्रमित व्यक्ति को बुखार महसूस होता है। शरीर में दर्द और थकान भी महसूस हो सकती है। यह पहला चरण है। संक्रमण के दूसरे चरण में त्वचा पर कहीं-कहीं गांठ दिखने लगती हैं और चकते आ जाते हैं और फिर यही चकत्ते बडे़ दाने में बदल जाते हैं। 

टॅग्स :मंकीपॉक्सWHOHealth Department
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