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लिथियम युक्त पानी गर्भवती महिलाओं के लिए है खतरनाक! सेवन से महिला में गर्भपात और बच्चे को ऑटिज्म होने का खतरा ज्यादा- अध्ययन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 8, 2023 17:02 IST

अधय्यन में यह पाया गया है कि गर्भवती महिलाओं के लिए लिथियम के सेवन के बाद उनकी सुरक्षा को लेकर संदेह है। वैसे इस रसायनिक तत्व की वजह से गर्भपात का खतरा बढ़ने तथा नवजात शिशु में हृदय संबंधी विकृतियों या अन्य समस्याओं के जोखिम के प्रमाण भी हैं।

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ठळक मुद्देलिथियम युक्त पानी को लेकर एक नया अध्ययन सामने आया है। इस अध्ययन के मुताबिक, लिथियम युक्त पानी के सेवन से गर्भवती महिलाओं में गर्भपात का खतरा ज्यादा है। यही नहीं इस कारण नवजात में भी ऑटिज्म होने का जोखिम ज्यादा बढ़ जाता है।

नई दिल्ली: वैज्ञानिकों का दावा है कि अगर गर्भवती महिलाएं लिथियम युक्त पानी का सेवन करती हैं तो उनके बच्चे को ऑटिज्म होने की आशंका बढ़ जाती है क्योंकि लीथियम तंत्रिका विकास के लिए आवश्यक अणुओं की आवाजाही को प्रभावित कर सकता है। 

वैज्ञानिकों का कहना है कि लिथियम बैटरी का बढ़ता उपयोग और कचरे के ढेरों के निपटान के लिए लिथियम के उपयोग की वजह से भूजल में इस रसायन का स्तर बढ़ सकता है। इस प्रकार मानवीय गतिविधियां पेयजल को लिथियम से संदूषित कर गर्भस्थ शिशु के तंत्रिका विकास को बाधित कर सकती हैं। 

क्या कहता है अध्ययन

इस पर बोलते हुए अमेरिका के ‘‘यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया लॉस एंजिलिस (यूसीएलए) हेल्थ’’ के वैज्ञानिकों ने हालांकि यह भी कहा है कि उनका यह अध्ययन डेनमार्क से मिले आंकड़ों पर आधारित है लेकिन ऐसे अध्ययन दुनिया के अलग अलग हिस्सों में रहने वाले लोगों पर किए जाने चाहिए। अध्ययन के नतीजे ‘‘जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन’’ (जेएएमए) पीडियाट्रिक्स में प्रकाशित हुए हैं। 

इन बीमारियों के इलाज में लिथियम का होता है इस्तेमाल

ऐसे में अध्ययन के मुख्य लेखक बीट रिट्ज ने कहा कि ‘‘विकसित हो रहे मानव मस्तिष्क को प्रभावित कर सकने वाले किसी भी संदूषित पेयजल की गहनता से जांच की जानी चाहिए।’’ रिट्ज यूसीएलए हेल्थ में तंत्रिका विभाग में प्राध्यापक हैं। लिथियम के प्रभाव की वजह से मूड को स्थिर रखने में मदद मिलती है। यही वजह है कि अवसाद तथा बाइपोलर डिस्ऑर्डर जैसी समस्याओं के इलाज में इस रसायन का उपयोग किया जाता है। 

लिथियम का सेवन महिलाओं के लिए है खतरा- अध्ययन

बहरहाल, गर्भवती महिलाओं के लिए लिथियम के सेवन के बाद उनकी सुरक्षा को लेकर संदेह है। वैसे इस रसायनिक तत्व की वजह से गर्भपात का खतरा बढ़ने तथा नवजात शिशु में हृदय संबंधी विकृतियों या अन्य समस्याओं के जोखिम के प्रमाण भी हैं। रिट्ज ने प्रायोगिक अनुसंधान में पाया कि लिथियम युक्त पानी के सेवन से तंत्रिका विकास तथा ऑटिज्म उत्पन्न करने वाली आणविक प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। 

लिथियम से वयस्कों को भी हो सकती है समस्या- स्टडी

प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली विभिन्न धातुओं में से एक लिथियम पानी में आसानी से घुलनशील है। यह अध्ययन डेनमार्क के मेडिकल रजिस्ट्री के आंकड़ों पर आधारित है। इनमें अध्ययन के प्रथम लेखक एवं अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में सहायक प्राध्यापक जेयन ल्यू ने कहा है कि पानी में मिले लिथियम के सेवन से वयस्कों में तंत्रिका मनोविकार की समस्या हो सकती है।  

टॅग्स :Medical and Healthडेनमार्कUSADenmark
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