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Heart Disease: भारत में एक-तिहाई मौतों का कारण हृदय संबंधी रोग, रिपोर्ट

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 5, 2025 14:35 IST

भारत में लगभग 31 प्रतिशत मौतें हृदय संबंधी रोगों के चलते होती है और ये रोग देश में मृत्यु का एक प्रमुख कारण बने हुए हैं। भारत के महापंजीयक के अधीन नमूना पंजीयन सर्वेक्षण (एसआरएस) द्वारा प्रस्तुत नवीनतम आंकड़ों में यह बात सामने आई।

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ठळक मुद्देHeart Disease: भारत में एक-तिहाई मौतों का कारण हृदय संबंधी रोग, रिपोर्ट

भारत में लगभग 31 प्रतिशत मौतें हृदय संबंधी रोगों के चलते होती है और ये रोग देश में मृत्यु का एक प्रमुख कारण बने हुए हैं। भारत के महापंजीयक के अधीन नमूना पंजीयन सर्वेक्षण (एसआरएस) द्वारा प्रस्तुत नवीनतम आंकड़ों में यह बात सामने आई। ‘मृत्यु के कारणों पर रिपोर्ट: 2021-2023’ बुधवार को जारी की गई, जिसमें बताया गया है कि देश में गैर-संक्रामक रोग (नॉन-कम्युनिकेबल डिज़ीज़) मौतों का मुख्य कारण हैं और कुल मृत्यु का 56.7 प्रतिशत हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘संक्रामक, मातृत्व, नवजात और पोषण संबंधी स्थितियों से मौत का आंकड़ा 23.4 प्रतिशत है। वर्ष 2020-2022 (जो कोविड-19 से प्रभावित रहा) में ये आंकड़े क्रमशः 55.7 प्रतिशत और 24.0 प्रतिशत थे।’’ रिपोर्ट के अनुसार, हृदय रोग (कार्डियोवैस्कुलर डिज़ीज़) मृत्यु का सबसे बड़ा कारण बना हुआ है, जो कुल मौतों का लगभग 31 प्रतिशत है। इसके बाद श्वसन संक्रमण (9.3 प्रतिशत), कैंसर व अन्य ट्यूमर (6.4 प्रतिशत), और श्वसन रोग (5.7 प्रतिशत) प्रमुख कारण हैं। हृदय रोग ‘लाइफस्टाइल’ से जुड़ी बीमारी मानी जाती है।

यह 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की मौत का प्रमुख कारण है, जबकि 15-29 वर्ष की आयु के समूह में आत्महत्या (इरादतन चोट) मौत का सबसे आम कारण है। रिपोर्ट में अन्य कारणों में पाचन संबंधी रोग (5.3 प्रतिशत), अज्ञात कारणों से बुखार (4.9 प्रतिशत), गैरइरादतन चोट (मोटर वाहन दुर्घटनाओं को छोड़कर) 3.7 प्रतिशत, मधुमेह (डायबिटीज) 3.5 प्रतिशत, और जनन-मूत्र संबंधी रोग (3.0 प्रतिशत) शामिल हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चोटों से होने वाली मौतों के मामले 9.4 प्रतिशत है, जबकि अस्पष्ट कारणों से हुई मौतें 10.5 प्रतिशत हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘हालांकि, 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों में से ज्यादातर की मौत का कारण अस्पष्ट पाया गया।’’ रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि इन आंकड़ों की व्याख्या सावधानी से की जानी चाहिए, क्योंकि कारणों के वर्गीकरण में त्रुटि की संभावना से पूरी तरह इंकार नहीं किया जा सकता। रिपोर्ट में कहा गया है ‘‘फिर भी, इस अध्ययन के निष्कर्ष देश में मृत्यु की स्थिति और उससे जुड़ी चुनौतियों को समझने में निश्चित रूप से सहायक हो सकते हैं।’’ यह रिपोर्ट प्रत्यक्ष स्रोतों पर आधारित है और इसमें मृत्यु के कारणों को आयु, लिंग, निवास (शहरी/ग्रामीण) और देश के विभिन्न क्षेत्रों के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इसमें शीर्ष दस कारणों का विश्लेषण विभिन्न मानकों के अनुसार किया गया है और विशेष स्थितियों जैसे कि हृदय रोग, श्वसन संक्रमण, कैंसर व अन्य ट्यूमर से होने वाली मृत्यु के मामलों का विस्तृत अध्ययन भी शामिल है।

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