इस पोजीशन में बैठने से लकवा सहित हो सकती हैं ये 5 गंभीर बीमारियां

By उस्मान | Published: July 3, 2018 12:08 PM2018-07-03T12:08:57+5:302018-07-03T12:08:57+5:30

पैरों को क्रॉस करके बैठने से पेरोनोल नर्व पर दबाव पड़ता है साथ ही पैरों की नस पर प्रेशर पड़ता है, जिससे मांसपेशियां अकड़ने लगती है

health tips side effects of sitting cross legged | इस पोजीशन में बैठने से लकवा सहित हो सकती हैं ये 5 गंभीर बीमारियां

इस पोजीशन में बैठने से लकवा सहित हो सकती हैं ये 5 गंभीर बीमारियां

अक्सर बैठते समय लोग ध्यान नहीं देते कि किस पोजीशन में बैठ रहे हैं। किसी भी प्रकार से पैरों को मोड़ कर बैठना सेहत के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं होता है। महिलाओं को लगता है कि उनका अपने पैरों का एक के ऊपर एक रखकर बैठना उनका स्टाइल दिखाता है। लेकिन आपको बता दें कि अपने पैरों को कॉस कर के बैठने से आपको कई रोग हो सकते हैं। इससे आपके शरीरिक बनावट पर असर पड़ता है जिससे आपकी रीढ़ की हड्डी और पीठ में दर्द होता है। पैरों को क्रॉस करके बैठने से पेरोनोल नर्व पर दबाव पड़ता है साथ ही पैरों की नस पर प्रेशर पड़ता है, जिससे मांसपेशियां अकड़ने लगती है और अस्थायी पैरालिसिस होने की आशंका रहती है। पैरों के अलावा गर्दन और बैक पर भी इसका असर होता है। एक अध्ययन के अनुसार, करीब 60 फीसदी लोग खासकर महिलाएं इस पोजीशन में बैठना पसंद करते हैं। चलिए जानते हैं कि इस पोजीशन में बैठने से आपको और क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं।   

1) ब्लड प्रेशर

आपने नोटिस किया होगा कि जब कोई डॉक्टर ब्लड प्रेशर की जांच करता है, तो वह आपको बिना पैरों और बाहों के फ्लैटों के साथ बैठने के लिए कहता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एक आरामदायक मुद्रा ब्लड प्रेशर को नॉर्मल लेवल पर ला सकती है और इसे ठीक से जांचने में मदद करती है। क्रॉस पैर करके बैठने से ब्लड प्रेशर पर भी काफी खतरनाक असर डालता है।

2) मसल्स हो जाती हैं सुन्न

एक ही पोजीशन में देर तक बैठने से पैर सुन्न हो जाते हैं। क्रॉस लेग करके बैठना आपके घुटने के पीछे परोनियल तंत्रिका पर दबाव पड़ता है। यह परोनियल तंत्र निचले पैरों को उत्तेजना प्रदान करता है। साथ ही अगर आप एक ही मुद्रा में लगातार बैठकर काम करते हैं यह आपके शरीर में दर्द पैदा करता है। ऐसा जब भी हो तो नस की तुरंत मालिश करें।

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3) गर्दन और पीठ दर्द

हमेशा क्रॉस पैर करके बैठने से आपकी गर्दन और पीठ पर भी इसका प्रभाव पड़ता है और काफी दर्द का अहसास होता है। रीढ़ की हड्डी पर ही शरीर टिका हुआ होता है। इस पर दबाव पड़ने से गर्दन और पीठ पर भी दबाव पड़ने लगता है।

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4) वैरिकोज वेन्स

वैरिकोज वेन्स बढ़ी हुई हुई नसें होती हैं। कोई भी नसें वैरिकोज वेन्स हो सकती हैं, लेकिन सबसे अधिक प्रभावित नसें आपके पैरों और पैरों के पंजों में होती हैं। इसका कारण यह है कि खड़े होने और घूमने से आपके निचले शरीर की नसों में दबाव बढ़ जाता है। वैरिकोज वेन्स आमतौर पर त्वचा की सतह के नीचे उभरती हुई नीली नसें दिखती हैं। कभी-कभी यह गंभीर समस्याओं का रूप ले लेती है। चिकित्साल समुदाय इस बात पर विभाजित है कि पैर क्रॉस कर के बैठना वैरिकोज नसों का कारण बनती है या नहीं।

5) अस्थायी पैरालिसिस

जब आप अपने पैरों को काफी लंबे समय तक क्रॉस कर के बैठते हैं। तो यह एक स्थिति का कारण बन सकता है, जिसे पेरोनेल नर्व पाल्सी कहा जाता है। इसके परिणामस्वरूप पैर ड्रॉप होता है। इस स्थिति के दौरान, आप पैर की उंगलियों को ठीक से उठाने में असमर्थ हो जाते हैं। 

(फोटो- पिक्साबे) 

Web Title: health tips side effects of sitting cross legged

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