Health Budget 2020: स्वास्थ्य क्षेत्र को मिले 69,000 करोड़ रुपये, 2025 तक पूरी तरह खत्म किया जाएगा टीबी
By उस्मान | Published: February 1, 2020 12:14 PM2020-02-01T12:14:54+5:302020-02-01T12:14:54+5:30
Health Budget Complete Updated Information in Hindi: मिशन इन्द्रधनुष योजना से 12 बीमारियों को जोड़ा गया
Budget 2020 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र में कई बड़ी घोषणाएं की हैं। उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र के कुल आवंटन को अतिरक्त 69,000 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि देशभर में 'टीबी हारेगा देश जीतेगा' अभियान चलाया जाएगा, जिसके तहत साल 2025 तक टीबी को पूरी तरह खत्म किया जाएगा। चलिए जानते हैं और क्या-क्या बड़ी घोषणाएं हुईं।
हमने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए अतिरिक्त 69,000 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं।
कुल आवंटन में से, 6,000 करोड़ रुपये की राशि आयुष्मान भारत योजना (पीएम जन आरोग्य योजना) को आवंटित की गई है।
मिशन इन्द्रधनुष योजना से 12 बीमारियों को जोड़ा गया है।
आयुष्मान भारत के तहत 100 जिलों में नए अस्पताल बनाए जाएंगे।
FM Nirmala Sitharaman: Viability gap funding window to be set up to cover hospitals, with priority given to aspirational districts that don't have hospitals empanelled under Ayushman Bharat scheme. #Budget2020https://t.co/MsiyQWNwZ3
— ANI (@ANI) February 1, 2020
टीबी हारेगा देश जीतेग अभियान चलाया जाएगा, साल 2025 तक टीबी को पूरी तरह खत्म किया जाएगा
पीपीपी मॉडल के तहत मेडिकल कॉलेज बनाए जायेंगे।
112 आस्परेशनल जिलों में जहां इम्पैनल अस्पताल नहीं है उन्हें तवज्जो दी जाएगी। इससे बड़ी संख्या में रोजगार मिलेगा।
देश के सभी जिलों में जनऔषधि केंद्रों का विस्तार किया जाएगा ताकि सस्ती दरों पर दवाइयां उपलब्ध कराई जा सकें।
FM Nirmala Sitharaman: There is a shortage of qualified medical doctors both general practitioners and specialists; it is proposed to attach a medical college to a district hospital in PPP mode; details of the scheme to be worked out soon. #Budget2020pic.twitter.com/aHQXn0yAgs
— ANI (@ANI) February 1, 2020
मेडिकल उपकरणों पर जो टैक्स लगता है उससे मिलने वाले पैसे का उपयोग अस्पताल बनाने में किया जाएगा।
सामान्य चिकित्सकों और विशेषज्ञों दोनों रूप में योग्य चिकित्सा डॉक्टरों की कमी है।
2020-21 में पोषण संबंधी कार्यक्रमों के लिए 35,600 करोड़ रुपये प्रदान करने का प्रस्ताव
महिलाओं से जुड़े कार्यक्रमों के लिए 28,600 करोड़ का प्रावधान