कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है फैटी लिवर, जानिए अंग को कैसे रखें स्वस्थ
By मनाली रस्तोगी | Updated: September 24, 2024 14:26 IST2024-09-24T14:25:00+5:302024-09-24T14:26:48+5:30
फैटी लिवर की समस्या को हल्के में लेना खतरनाक साबित हो सकता है। यह एक बीमारी कई अन्य बीमारियों का कारण बन सकती है। फैटी लिवर से डायबिटीज से लेकर हार्ट अटैक तक का खतरा रहता है। तो समय रहते जानिए फैटी लिवर आपके लिए कितना खतरनाक है और इससे कौन सी बीमारियां हो सकती हैं।

कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है फैटी लिवर, जानिए अंग को कैसे रखें स्वस्थ
फैटी लिवर की समस्या को हल्के में लेना खतरनाक साबित हो सकता है। यह एक बीमारी कई अन्य बीमारियों का कारण बन सकती है। फैटी लिवर से डायबिटीज से लेकर हार्ट अटैक तक का खतरा रहता है। तो समय रहते जानिए फैटी लिवर आपके लिए कितना खतरनाक है और इससे कौन सी बीमारियां हो सकती हैं।
आजकल ज्यादातर लोग फैटी लिवर की समस्या से परेशान रहते हैं। भले ही आप डॉक्टर के पास जाएं तो वो कहते हैं कि हर 10 में से 8 लोगों को फैटी लिवर होता है, लेकिन फैटी लिवर को हल्के में लेना आपकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
खराब जीवनशैली को फैटी लिवर का कारण माना जाता है। जिसमें अनहेल्दी खाना, कम वर्कआउट और शराब और सिगरेट का अधिक सेवन फैटी लिवर की समस्या का कारण बनता है। फैटी लिवर सिर्फ एक बीमारी नहीं है बल्कि यह एक मकड़ी के जाल की तरह है जिसमें हमारे शरीर के सभी अंग एक-एक करके फंस जाते हैं। जानिए फैटी लिवर हृदय, किडनी और मस्तिष्क के कार्य को कैसे प्रभावित करता है।
फैटी लिवर कितना खतरनाक है?
अगर लिवर में 5 फीसदी से ज्यादा फैट है तो समझ लें कि फैटी लिवर की समस्या है। अब यह समझना जरूरी है कि फैटी लिवर का मतलब क्या होता है। लिवर में एक कोशिका होती है जो आप जो भी खाते हैं उसे इंसुलिन के साथ पचाती है और चीनी को ऊर्जा में परिवर्तित करती है। यदि लिवर में वसा है, तो इंसुलिन को कोशिका में प्रवेश करने में परेशानी होती है।
ऐसे में शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है और शरीर को अधिक इंसुलिन की जरूरत होती है। इसके लिए अग्न्याशय को अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। जब अग्न्याशय 5-10 वर्षों तक प्रतिदिन अधिक इंसुलिन बनाएगा। धीरे-धीरे इंसुलिन बनाने वाला अग्न्याशय थक जाता है। अगर कोशिकाओं तक इंसुलिन नहीं पहुंचेगा तो उस व्यक्ति को ऊर्जा नहीं मिलेगी।
फैटी लिवर मधुमेह और उच्च कोलेस्ट्रॉल का कारण है
जब अग्न्याशय थक जाता है और इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है तो आप मधुमेह के शिकार हो जाएंगे। इसलिए, मधुमेह एक यकृत रोग है। फैटी लिवर के कारण जब लिवर वसा से भर जाता है, तो आपके रक्त में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगता है। कुछ लोग कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए दवाइयां लेना शुरू कर देते हैं।
फैटी लिवर से दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है
लेकिन सवाल यह है कि रक्त में उच्च कोलेस्ट्रॉल क्यों होता है? जब आपका लिवर वसा से भर जाता है, तो वह वसा आपके रक्त में प्रवेश कर जाता है। वही वसा आपके रक्त में घूमती रहती है। जब वह वसा धमनियों में जमा हो जाती है तो धमनियां सख्त होने लगती हैं। तो आपको ब्लड प्रेशर की बीमारी हो जाती है। अगर ये चर्बी दिल में जमा हो जाए तो आपको हार्ट अटैक आ जाएगा।
अगर यह फैट दिमाग में जमा हो जाए तो इससे ब्रेन स्ट्रोक का खतरा हो सकता है। यदि वसा पित्ताशय में चली जाए तो वहां पथरी बन जाती है। अगर किडनी में फैट चला जाए तो किडनी की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। इसलिए शरीर में पनपने वाली सभी बीमारियों की मुख्य जड़ फैटी लिवर ही है।
लिवर को स्वस्थ कैसे रखें?
लिवर को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना 1 घंटा व्यायाम जरूर करना चाहिए। इससे लिवर की कार्यप्रणाली बेहतर होती है और शरीर स्वस्थ रहता है। लिवर को स्वस्थ बनाने के लिए फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें। आहार में हरी सब्जियाँ शामिल करें। हमेशा अपनी भूख से थोड़ा कम खाएं। शराब और सिगरेट से दूर रहें। इससे लिवर पर बुरा असर पड़ता है।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों की Lokmat Hindi News पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले या इसके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।)