वर्ल्ड कैंसर रिसर्च फंड इंटरनेशनल के अनुसार लिवर कैंसर पुरुषों में होने वाला पांचवा सबसे अधिक कैंसर और महिलाओं में नौवां सबसे अधिक होने वाला कैंसर है। 2018 में 840,000 से अधिक नए मामले सामने आए। कैंसर का सही समय पर इलाज हो जाए तो मरीज की जान बचानी आसान हो जाती है। लेकिन, इसके लिए जरूरी है कि इसके लक्षणों की पहचान भी सही समय पर कर ली जाए। हम आपको लीवर कैंसर के कुछ ऐसे संकेत और लक्षण बता रहे हैं जिन्हें पहचानकर आप समय पर इलाज करवा सकते हैं।
लीवर कैंसर के संकेत और लक्षण
अधिकतर लोगों को लीवर कैंसर के शुरूआती लक्षण नहीं होते हैं। एक्सपर्ट मानते हैं कि अचानक वजन कम होना, भूख में कमी, ऊपरी पेट में दर्द, मतली और उल्टी, कमजोरी, थकान, पेट में सूजन, त्वचा में पीलापन आना, आंखों का सफेद होना (पीलिया), सफेद रंग का मल इसके लक्षणों में शामिल हैं। ऐसे संकेत या लक्षण का अनुभव होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
लीवर कैंसर के कारण
लीवर कैंसर तब होता है जब लीवर की कोशिकाएं अपने डीएनए में परिवर्तन (म्यूटेशन) विकसित करती हैं। सेल का डीएनए एक ऐसी चीज है, जो आपके शरीर में हर रासायनिक प्रक्रिया के लिए निर्देश प्रदान करती है। डीएनए म्यूटेशन इन निर्देशों में परिवर्तन का कारण बनता है। इसका परिणाम यह होता है कि कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर बढ़ने लगती हैं और अंततः एक ट्यूमर बनाती हैं।
कभी-कभी लीवर कैंसर क्रोनिक हेपेटाइटिस संक्रमण के कारण भी होता है। लेकिन कभी-कभी लीवर कैंसर बिना किसी बीमारियों वाले लोगों में होता है और यह स्पष्ट नहीं होता है कि इसका क्या कारण है।
ऐसे लोगों को है लीवर कैंसर का ज्यादा खतरा
- हेपेटाइटिस बी वायरस (एचबीवी) या हेपेटाइटिस सी वायरस (एचसीवी) के साथ क्रोनिक इन्फेक्शन से लीवर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।- सिरोसिस एक ऐसा विकार है, जो आपके लीवर में स्कार टिश्यू का कारण बनती है और लीवर कैंसर का जोखिम बढ़ाती है।
लीवर कैंसर से बचने के उपाय
शराब के सेवन से बचें, वजन पर कंट्रोल रखें, हेपेटाइटिस बी का टीका लगवाएं, हेपेटाइटिस सी के खतरे से बचें, इससे पीड़ित पार्टनर से सेक्स से बचें, हेपेटाइटिस बी और सी का इलाज कराएं, मसालेदार खाने से बचें, हेल्दी डाइट लें और रोजाना एक्सरसाइज करें।