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हर रोज डेली वॉक करने वाले भी कम कर सकते है एएफआईबी और स्ट्रोक के जोखिम, शोध में हुआ खुलासा

By आजाद खान | Updated: August 27, 2023 14:09 IST

शोध में यह खुलासा हुआ है कि जो लोग हर दिन केवल कुछ समय के लिए चलते है, उनमें एएफआईबी का जोखिम उन लोगों की तुलना में कम होता है जो बिल्कुल भी नहीं चलते हैं।

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ठळक मुद्देएएफआईबी और स्ट्रोक के जोखिम को लेकर एक नई शोध सामने आई है।शोध के अनुसार, सबसे अधिक फिट लोगों में एएफआईबी और स्ट्रोक के विकसित होने की संभावना सबसे कम पाई गई है।यही नहीं हर रोज चलने वालों में भी एएफआईबी और स्ट्रोक के जोखिम के विकसित होने की संभावना कम मिली है।

Health News:  हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि जो लोग हर रोज पैदल चलते है उनमें एट्रियल फाइब्रिलेशन (एएफआईबी) विकसित होने की संभावना कम होती है। आपको बता दें कि एट्रियल फाइब्रिलेशन (एएफआईबी) के कारण लोगों के हार्ट रिदम से जुड़ी समस्या या फिर दिल का दौरा पड़ता है। इस अध्ययन में 15 हजार लोगों को शामिल किया गया था जिनमें एएफआईबी विकसित नहीं हुआ था। 

ऐसे में इस शोध में शामिल लोगों को उनके फिटनेस स्तर के आधार पर उन्हें तीन समूहों में बांटा गया था। इस बंटवारे में उन लोगों को आगे रखा गया था जो सबसे अधिक फिट थे उनमें एएफआईबी विकसित होने की संभावना सबसे कम थी। यही नहीं जो लोग हर दिन थोड़े समय के लिए चलते हैं, उनमें भी एफिब का जोखिम उन लोगों की तुलना में कम होता है जो बिल्कुल भी नहीं चलते हैं।

अध्ययन में क्या खुलासा हुआ है

यह अध्ययन ताइवान के ताइपे के नेशनल यांग मिंग चियाओ तुंग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा आयोजित किया गया था। शोधकर्ताओं ने लंबे समय से दिल की बीमारियों से स्टडी से जुड़े फ्रेमिंघम हार्ट स्टडी के आंकड़ों को देखा है और पाया कि जो लोग इस स्टडी में हिस्सा लिए थे उनमें औसतन 11 साल वाले 515 लोगों में एएफआईबी विकसित हुआ था। 

यही नहीं शोध में यह भी पाया गया कि जो लोग सबसे अधिक फिट थे उनमें एएफआईबी विकसित होने की संभावना सबसे कम थी। इसका उदाहरण अगर दिया जाए तो उच्चतम फिटनेस समूह के लोगों में सबसे कम फिटनेस समूह के लोगों की तुलना में एएफआईब विकसित होने की संभावना 8 फीसदी कम पाई गई थी।

हर रोज चल कर भी आप एएफआईबी और स्ट्रोक के जोखिम को कर सकते है कम-शोध

इसके अलावा जो लोग हर दिन केवल कुछ समय के लिए चलते है, उनमें एएफआईबी का जोखिम उन लोगों की तुलना में कम होता है जो बिल्कुल भी नहीं चलते हैं। उदाहरण के लिए, जो लोग दिन में कम से कम 11 मिनट तक चलते थे उनमें एएफआईबी विकसित होने की संभावना उन लोगों की तुलना में 12 फीसदी कम थी जो बिल्कुल भी नहीं चलते थे।

शोधकर्ताओं का कहना है कि अध्ययन से यह पता चला है कि लगातार एक्सरसाइज यहां तक के हर रोज चल कर भी आप एएफआईबी और स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकते है। उनकायह भी कहना है कि इन निष्कर्षों की पुष्टि के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है, लेकिन परिणाम आशाजनक हैं। 

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