COVID vaccine: बाजार में आने से एक कदम दूर Covishield, जानें कितनी असरदार, कीमत, टीके की 10 खास बातें
By उस्मान | Updated: January 2, 2021 10:44 IST2021-01-02T10:39:33+5:302021-01-02T10:44:57+5:30
बस एक मंजूरी मिलते ही भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण शुरू हो जाएगा

कोरोना वायरस की वैक्सीन
भारत को जल्द ही कोरोना वायरस की वैक्सीन मिल सकती है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की एक विशेषज्ञ समिति ने ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने की सिफारिश की है।
अंतिम फैसला लेने के लिए 'कोविशील्ड' और 'कोवैक्सीन' पर एसईसी की सिफारिशों को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को भेज दिया गया है। विस्तृत विचार-विमर्श के बाद, समिति ने 'कोविशील्ड' टीके के सीमित आपात इस्तेमाल की इजाजत देने की सिफारिश की है जिसपर विभिन्न नियामक प्रावधान लागू होंगे।'
चार सप्ताह में लगेंगे दो टीके
कुछ नियामक प्रावधान लागू किये हैं जिनमें कहा गया है कि टीका 18 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों में रोग की रोकथाम के लिए प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ाने के लिहाज से है और इसमें चार से छह सप्ताह के अंतर पर दो खुराक मांसपेशियों में इंजेक्शन के माध्यम से दी जानी चाहिए।
एसआईआई और एस्ट्राजेनेका ने बनाया टीका
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी है जिसने कोविशील्ड के उत्पादन के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ करार किया है।
अभी तक नहीं दिखा कोई दुष्प्रभाव
भारत बायोटेक के आवेदन पर विचार करते हुए एसईसी ने कहा कि चल रहा क्लिनिकल परीक्षण काफी बड़ा है जिसमें 25,800 प्रतिभागियों को शामिल किया जाना है जिनमें से 22,000 का पंजीकरण किया जा चुका है।
इनमें अन्य बीमारियों वाले रोगी भी शामिल हैं। अभी तक इनमें सुरक्षित परिणाम दिखाई दिये हैं लेकिन अभी इसका प्रभाव नजर नहीं आया है।
'कोविशील्ड' 70.4% प्रभावी
भारत में 'कोविशील्ड' वैक्सीन ने 70.4% की औसत प्रभावकारिता को दिखाया, जिसमें कोई अस्पताल या गंभीर बीमारी नहीं है। सीरम संस्थान ने पिछले महीने भारत में ब्रिटिश दवा निर्माता के टीके के एक संस्करण के लिए आपातकालीन उपयोग लाइसेंस मांगा था।
ब्रिटेन में मिल चुकी मंजूरी
ब्रिटेन ने पिछले सप्ताह देश में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन के आपातकालीन प्राधिकरण को मंजूरी दी थी। एस्ट्राज़ेनेका ने कहा कि चार और 12 सप्ताह के अंतराल के साथ दो खुराक दी जाएंगी।
कैसे काम करती है वैक्सीन
वैक्सीन 'वायरस-वेक्टर्ड' है, जिसका अर्थ है कि यह वायरस का एक संस्करण है जो आम तौर पर चिंपांज़ी को संक्रमित करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के लिए 'स्पाइक प्रोटीन' संशोधित करता है। इससे मानव कोशिकाओं में एंटीबॉडीज के उत्पादन को प्रोत्साहित करने में मदद मिलनी चाहिए।
भारत में 'कोविशील्ड' की कीमत
इंडिया डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने इंडिया टुडे को बताया कि कोविशील्ड वैक्सीन की कीमत सरकारी दुकानों से खरीदने पर प्रति व्यक्ति 6 डॉलर (440 रुपये) होगी।
हालांकि, अगर कोई निजी बाजार से खरीदना चाहता है, तो उन्हें लगभग 700-800 रुपये का भुगतान करना होगा। भारत सरकार प्रति डोज़ 3 अमरीकी डालर के हिसाब से है, इसलिए प्रति व्यक्ति 6 डॉलर यानी 440 रपये देगा। लेकिन निजी बाज़ार के लिए इसकी कीमत लगभग 700-800 रुपये होगी।
‘कोवैक्सीन’ का भी होगा विश्लेषण
भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी टीके ‘कोवैक्सीन’ के लिए सीमित आपात उपयोग पर आगे विचार-विमर्श के लिए अंतरिम प्रभाव का विश्लेषण किया जा सकता है। अंतिम फैसला लेने के लिए ‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन पर एसईसी की सिफारिशों को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को भेज दिया गया है। विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने पहले एसआईआई और भारत बायोटेक से अतिरिक्त सुरक्षा, प्रतिरक्षाजनत्व तथा प्रभाव संबंधी आंकड़े मांगे थे।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

