Coronavirus Updates: कोरोना रोकने में सक्षम ‘मिनीप्रोटीन’ तैयार, सार्स-सीओवी-2 वायरस को कर सकते हैं निष्क्रिय, जानें कैसे करता है काम...

By भाषा | Published: June 6, 2022 06:07 PM2022-06-06T18:07:16+5:302022-06-06T18:44:10+5:30

Coronavirus Updates: शोधकर्ताओं ने कृत्रिम ‘पेप्टाइड’ या मिनीप्रोटीन की एक नई श्रेणी को तैयार किया है जो न केवल हमारी कोशिकाओं में वायरस के प्रवेश को रोक सकती है, बल्कि विषाणुओं (वायरस कणों) को भी एक साथ जोड़ सकती है, जिससे संक्रमित करने की उनकी क्षमता कम हो जाती है।

Coronavirus Updates IISC scientists develop miniproteins may prevent COVID infection | Coronavirus Updates: कोरोना रोकने में सक्षम ‘मिनीप्रोटीन’ तैयार, सार्स-सीओवी-2 वायरस को कर सकते हैं निष्क्रिय, जानें कैसे करता है काम...

शोधकर्ताओं ने बताया कि ‘प्रोटीन-प्रोटीन इंटरैक्शन’ अक्सर ताला और चाभी की तरह होते है और इसे एक प्रयोगशाला-निर्मित मिनीप्रोटीन द्वारा रोका जा सकता है।

Highlightsअमीनो अम्लों की छोटी श्रृंखलाओं को ‘पेप्टाइड’ कहते हैं। कई पेप्टाइड मिलकर प्रोटीन बनाते हैं।प्रोटीन एवं पेप्टाइड में आकार का ही अंतर होता है।

Coronavirus Updates: भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलुरु के शोधकर्ताओं ने कृत्रिम ‘पेप्टाइड’ या मिनीप्रोटीन की एक नई श्रेणी तैयार की है, जिससे सार्स-सीओवी-2 जैसे वायरस को निष्क्रिय किया जा सकता है।

पत्रिका ‘नेचर केमिकल बायोलॉजी’ में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कृत्रिम ‘पेप्टाइड’ या मिनीप्रोटीन की एक नई श्रेणी को तैयार किया है जो न केवल हमारी कोशिकाओं में वायरस के प्रवेश को रोक सकती है, बल्कि विषाणुओं (वायरस कणों) को भी एक साथ जोड़ सकती है, जिससे संक्रमित करने की उनकी क्षमता कम हो जाती है।

अमीनो अम्लों की छोटी श्रृंखलाओं को ‘पेप्टाइड’ कहते हैं। कई पेप्टाइड मिलकर प्रोटीन बनाते हैं। प्रोटीन एवं पेप्टाइड में आकार का ही अंतर होता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि ‘प्रोटीन-प्रोटीन इंटरैक्शन’ अक्सर ताला और चाभी की तरह होते है और इसे एक प्रयोगशाला-निर्मित मिनीप्रोटीन द्वारा रोका जा सकता है।

नए अध्ययन में, टीम ने मिनीप्रोटीन को विकसित करने के लिए इस दृष्टिकोण का इस्तेमाल किया है जो सार्स-सीओवी-2 वायरस की सतह पर स्पाइक प्रोटीन को अवरुद्ध कर सकता है। आईआईएससी में मॉलिक्यूलर बायोफिजिक्स यूनिट (एमबीयू)में एसोसिएट प्रोफेसर और अध्ययन के प्रमुख लेखक जयंत चटर्जी ने कहा, ‘‘लेकिन हमें इस सिद्धांत के लिए सबूत की आवश्यकता थी।’’

टीम ने मानव कोशिकाओं में सार्स-सीओवी-2 और एसीई2 प्रोटीन के स्पाइक (एस) प्रोटीन के बीच पारस्परिक क्रिया को लक्षित करने के लिए एसआईएच-5 नामक एक मिनीप्रोटीन का उपयोग करके अपनी अवधारणा का परीक्षण करने का निर्णय लिया था। यह जांचने के लिए कि क्या एसआईएच-5 कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए उपयोगी होगा, टीम ने सबसे पहले लैब में स्तनधारी कोशिकाओं में विषाक्तता के लिए मिनीप्रोटीन का परीक्षण किया और इसे सुरक्षित पाया।

इसके बाद, एमबीयू के प्रोफेसर राघवन वरदराजन की प्रयोगशाला में किए गए प्रयोगों में, हैम्स्टर्स को मिनीप्रोटीन दिया गया और इसके बाद उसे सार्स-कोवि-2 के संपर्क में लाया गया। केवल वायरस के संपर्क में आने वाले हैम्स्टर्स की तुलना में इन जानवरों के वजन में कोई कमी नहीं दिखायी दी और वायरल लोड के साथ-साथ फेफड़ों में कोशिकाओं को भी बहुत कम क्षति हुई। 

Web Title: Coronavirus Updates IISC scientists develop miniproteins may prevent COVID infection

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