Ramadan Tips: 5 तरह के लोगों को तुरंत चपेट में लेता है कोरोना, ऐसे लोग गलती से भी न रखें रोजे, बढ़ जाएगा वायरस का खतरा
By उस्मान | Updated: April 23, 2020 10:16 IST2020-04-23T09:33:14+5:302020-04-23T10:16:27+5:30
Coronavirus and Ramadan Tips in Hindi: कोरोना से वायरस से बचने के लिए इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होना जरूरी है और उसके लिए खाना पड़ता है

Ramadan Tips: 5 तरह के लोगों को तुरंत चपेट में लेता है कोरोना, ऐसे लोग गलती से भी न रखें रोजे, बढ़ जाएगा वायरस का खतरा
Coronavirus and Ramadan Tips in Hindi: कोरोना संकट के बीच रमजान का पाक महीना भी शुरू होने वाला है। इस पूरे महीने मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा यानी उपवास रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं। यह उपवास लगभग 15 घंटे का होता है और इस बीच कुछ भी नहीं खाते-पीते हैं। जाहिर है इतनी देर भूखा-प्यासा रहने से डिहाइड्रेशन, कमजोरी और ब्लड प्रेशर कम होना आदि समस्याएं हो सकती हैं।
पूरी दुनिया में कोरोना का कहर जारी है और इसने अब तक 26 लाख से ज्यादा लोगों को अपने चपेट में ले लिया है जिसमें से करीब दो लाख लोगों की मौत भी हो गई है। बताया जाता है कि यह वायरस ऐसे लोगों के जल्दी अपनी चपेट में ले रहा है जिसका इम्युनिटी सिस्टम कमजोर होता है यानी जिनके शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता कमजोर होती है।
जाहिर है अगर आप पूरे एक महीने तक रोजे रखने का योजना बना रहे हैं, तो इससे आपकी जान जोखिम में आ सकती है। इसकी वजह यह है कि लंबे समय तक भूखा रहने से शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिलेगा, जो इस समय बहुत जरूरी है। पोषण नहीं मिलने से शरीर कमजोर हो सकता है और शरीर के वायरस की चपेट में आने का खतरा बढ़ सकता है।
अगर आप स्वस्थ हैं और इतने लंबे समय भूख-प्यास बर्दाश्त कर सकते हैं, तो सही है लेकिन अगर आप नीचे बताई गई किसी समस्या से पीड़ित हैं, तो हमारी आपको यही सलाह है कि आपको रोजे रखने से बचना चाहिए।
डायबिटीज
डायबिटीज से पीड़ित लोगों को नए कोरोना वायरस से बहुत बीमार होने का खतरा होता है। डायबिटीज टाइप 1 और टाइप 2 दोनों ही ब्लड शुगर में वृद्धि का कारण बनते हैं। ब्लड शुगर कंट्रोल नहीं होने से आपको कई समस्याएं हो सकती हैं। रमजान के महीने में रोजे रखना डायबिटीज के रोगियों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है। वास्तव में इन दिनों पूरे दिन खाने-पीने से वंचित रहना पड़ता है। जिस वजह से ऐसे लोगों के ब्लड ग्लूकोज में गिरावट हो सकती है और हाइपोग्लाइसीमिया की स्थिति पैदी हो सकती है।
बुजुर्ग
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, कोरोनो वायरस से दस में से आठ लोगों की मौत 65 और उससे अधिक उम्र के लोगों की हो रही है। कई अध्ययन इस बात का दावा कर चुके हैं कि यह वायरस इस उम्र से अधिक के लोगों के ज्यादा प्रभावित करता है। इसके सबसे बड़ी वजह यह है कि उम्र के साथ उनका इम्युनिटी सिस्टम कमजोर होने लगता है और वो कई पुराणी बीमारियों से पीड़ित होते हैं। इस उम्र में पूरे दिन यानी लगभग 15 घंटे भूखा रहने से समस्या बढ़ सकती है।
बार-बार बीमार होने वाले लोग
ऐसे लोग लोग जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली बहुत कमजोर है उन्हें भी उपवास से बचना चाहिए। इम्युनिटी कमजोर होने से संक्रमण से लड़ना मुश्किल हो जाता है। इसलिए अगर आप बार-बार बीमार पड़ते हैं, तो इसका कारण आपके शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता कम होना हो सकता है। जाहिर है पूरा दिन भूखा-प्यासा रहने से इम्यून सिस्टम पर भारी असर पड़ता है।
हार्ट डिजीज से पीड़ित लोग
अगर आप दिल से जुड़े किसी भी रोग से पीड़ित हैं, तो आपको रोजा रखने से बचना चाहिए। लम्बे समय तक कुछ नहीं खाने-पीने से आपकी स्थिति बिगड़ सकती है। पिछले दिनों कई अध्ययनों में दावा किया गया है कि दिल की बीमारियों से पीड़ित लोगों के वायरस के चपेट में आने का खतरा अधिक है। इसलिए पहले सेहत पर ध्यान दें।
फेफड़ों के रोगी
फेफड़ों के रोग जैसे क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), अस्थमा, पल्मोनरी फाइब्रोसिस और इंटरस्टीशियल लंग डिजीज स्कारिंग, सूजन या फेफड़ों की क्षति से पीड़ित लोगों का वायरस का अधिक खतरा हो सकता है। अगर आप फेफड़ों की किसी भी बीमारी से पीड़ित हैं, तो आपको लंबे समाया तक उपवास से बचना चाहिए।



