देश में कोविड-19 मामले 82 लाख पार, 96% मरीजों में तनाव के लक्षण, अस्पतालों में शुरू होगी मनोचिकित्सक परामर्श की सुविधा
By उस्मान | Updated: November 2, 2020 13:20 IST2020-11-02T13:17:13+5:302020-11-02T13:20:35+5:30
कोविड-19 से बढ़ते तनाव के मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने दिशानिर्देश जारी कर कहा है कि अस्पतालों में मनोचिकित्सक से परामर्श की सुविधा होनी चाहिए

कोरोना वायरस के प्रभाव
देश में कोविड-19 के मामले सोमवार को 82 लाख के पार चले गए। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में एक दिन में कोविड-19 के 45,231 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमण के मामले बढ़कर 82,29,313 हो गए। वहीं इस दौरान 496 लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,22,607 हो गई। इस बीच केंद्र सरकार ने दिशानिर्देश जारी कर कहा है कि कोविड-19 अस्पतालों में मनोचिकित्सक से परामर्श की सुविधा होनी चाहिए।
कोरोना बिगाड़ रहा है मानसिक संतुलन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के दौरान अस्पतालों में मानसिक बीमारी से निपटने को लेकर दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि कम से कम तीन समूह मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं से प्रभावित हुए हैं।
96% मरीजों में तनाव के लक्षण
शोध बताते हैं कि अवसाद (लगभग 30 प्रतिशत रोगियों में मौजूद) और बीमारी होने के बाद के तनाव के लक्षण (96 प्रतिशत मरीजों में मौजूद) और अधिक बढ़ सकते हैं। दिशानिर्देशों के अनुसार, कोविड-19 अस्पताल में एक मनोचिकित्सक के साथ परामर्श करने की सुविधा होनी चाहिए।
अब तक 75,44,798 लोग संक्रमण मुक्त
आंकड़ों के अनुसार देश में 75,44,798 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के साथ मरीजों के ठीक होने की दर 91.68 प्रतिशत हो गई है। वहीं कोविड-19 से मृत्यु दर 1.49 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार देश में अभी 5,61,908 लोगों का कोविड-19 का इलाज जारी है, जो कुल मामलों का 6.83 प्रतिशत है।
अब तक तक कुल 11,07,43,103 नमूनों की जांच
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार एक नवम्बर तक कुल 11,07,43,103 नमूनों की कोविड-19 की जांच की गई, जिनमें से 8,55,800 नमूनों का परीक्षण रविवार को ही किया गया।
अभी तक 1,22,607 लोगों की मौत
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में अभी तक 1,22,607 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से सबसे अधिक 44,024 लोग महाराष्ट्र के थे। इनके अलावा कर्नाटक के 11,192, तमिलनाडु के 11,152, उत्तर प्रदेश के 7,051, पश्चिम बंगाल के 6,900, आंध्र प्रदेश के 6,706 , दिल्ली के 6,562, पंजाब के 4,214 और गुजरात के 3,721 लोग थे।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 70 प्रतिशत से ज्यादा मामलों में मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का आईसीएमआर के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

