चमकी बुखार (Acute Encephalitis Syndrome) से लड़ने के लिए बिहार सरकार ने मुफ्त इलाज का ऐलान किया है। इसके साथ ही सरकार की ओर से चमकी बुखार के मरीजों को मुफ्त में एम्बुलेंस सेवा भी दी जाएगी। इतना ही नहीं, अगर कोई प्राइवेट गाड़ी करके अस्पताल तक रोगी को लाएगा तो उसे अस्पताल तक पहुँचने का किराया भी दिया जाएगा।
एजेंसी से मिली खबर के मुताबिक बिहार सरकार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने इन बातों की जानकारी मीडिया को दी है। सरकार की इस घोषणा के अंतर्गत मृतक बच्चों के परिवार वालों को चार लाख रूपये की राशि देने की भी ऐलान किया गया है।
चमकी बुखार से बात तक बिहार में 110 मौतें हो चुकी हैं। 500 से ज्यादा बच्चे विभिन्न अस्पतालों में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। इस दिमागी बुखार के फैलने के लिए लीची फल को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि सिर्फ लीची की वजह से यह बीमारी नहीं फैली है।
क्या है चमकी बुखार? (What is Acute Encephalitis Syndrome)
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार चमकी बुखार शरीर में ग्लूकोज की भारी कमी के कारण होता है। बच्चों में पानी और हाइपोग्लाइसीमिया यानी शुगर की कमी के कारण यह घातक बन जाता है। शुरुआती चरण में यह तेज बुखार और बदन में एंठन के रूप में दिखता है। ठीक वैसे ही जैसे कोई भी अन्य बुखार होता हिया। लेकिन डॉक्टरी जांच के बाद ही इसकी पहचान होती है।
चमकी बुखार के लक्षण: (Acute Encephalitis Syndrome symptoms)
- लगातार कुछ दिनों तक तेज बुखार- शरीर में कभी ना ख़त्म होने वाली कमजोरी- शरीर में एंठन- सुस्ती- सिरदर्द- उल्टी- कब्ज- बेहोशी- कोमा- लकवा
चमकी बुखार के कारण (Acute Encephalitis Syndrome causes)
चमकी बुखार को ज्यादातर लोग एक प्रकार के वायरल बुखार की तरह मानते हैं जो लगातार कुछ दिनों तक रहता है और डॉक्टरी इलाज के बिना ठीक नहीं किया जा सकता है। अधिक गंदगी में रहने से और मच्छर के काटने से भी यह बुखार फैलता है। मगर चमकी बुखार में रोगी की हालत काफी गंभीर हो जाती है और इसके इतिहास की मानें तो यह कोई साधारण वायरल बुखार नहीं है।
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चमकी बुखार का इतिहास (Acute Encephalitis Syndrome history)
बिहार के मुजफ्फरपुर में जहां चमकी बुखार ने अपना कहर ढाया हुआ है वहां यह बुखार बीते कई वर्षों से चला आ रहा है। रिकॉर्ड की मानें तो ऐसी दुर्घटनाएं सन् 1995 से ही बिहार के मुजफ्फरपुर में होती आ रही हैं और इसका कारण इस एरिया में लगे लीची के बागों को बताया जाता है। इस मौसम में यहां लीची की अच्छी पैदावार होती है और यहां के आसपास के इलाकों के गरीब बच्चे पूरा दिन बागों में खेलते हुए लीची खाते हुए पाए जाते हैं।