Benefits Of Tamarind: इमली पेट दर्द, पेचिश और कब्ज के इलाज में रामबाण है, जानिए इसके 5 आयुर्वेदिक लाभ

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 6, 2024 06:35 AM2024-04-06T06:35:38+5:302024-04-06T06:35:38+5:30

भारत में प्रचलित कई खाद्य में इमली का उपयोग काफी लंबे समय से किया जा रहा है लेकिन क्या आपको मालूम है कि इमली का इस्तेमाल कई गंभीर बीमारियों से बचाव भी कर सकता है।

Benefits Of Tamarind: Tamarind is a panacea in the treatment of stomach ache, dysentery and constipation, know its 5 Ayurvedic benefits | Benefits Of Tamarind: इमली पेट दर्द, पेचिश और कब्ज के इलाज में रामबाण है, जानिए इसके 5 आयुर्वेदिक लाभ

फाइल फोटो

Highlightsइमली का इस्तेमाल कई गंभीर बीमारियों से बचाव भी कर सकता हैइमली का इस्तेमाल पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में सदियों से किया जा रहा हैइमली का वैज्ञानिक नाम टैमेरिंडस इंडिका है, यह भारत सहित कई उष्णकटिबंधीय देशों में पैदा होती है

Benefits Of Tamarind: भारत में प्रचलित कई खाद्य में इमली का उपयोग काफी लंबे समय से किया जा रहा है। इसका खट्टा और मीठा स्वाद किसी भी व्यंजन को जायकेदार बना सकता है। इसका उपयोग लोग चटनी के रूप में और भोजन में खटास लाने के लिए करते हैं।

लेकिन इसके अलावा भी क्या आपको मालूम है कि इमली का इस्तेमाल कई गंभीर बीमारियों से बचाव कर सकता है। यही वजह है कि इमली का इस्तेमाल पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में सदियों से किया जा रहा है।

इमली का वैज्ञानिक नाम टैमेरिंडस इंडिका है। इमली मूलतः अफ्रीका में पाई गई थी लेकिन यह भारत, पाकिस्तान सहित कई अन्य उष्णकटिबंधीय देशों में उगती है। इमली रेशेदार गूदे से घिरे बीजों से भरी बीन जैसी होती है।

इमली के नये फल का गूदा हरा और खट्टा होता है और जैसे-जैसे यह पकता है, इसका रसदार गूदा पेस्ट जैसा और अधिक मीठा-खट्टा हो जाता है। दिलचस्प बात यह है कि इमली को "भारत की खजूर" भी कहा जाता है।

इमली के गूदे का उपयोग भारत, दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों, मैक्सिको, मध्य पूर्व सहित कई कैरेबियन देशों में बनने वाले खानों में व्यापक रूप से किया जाता है। इमली की बीज और पत्तियां भी खाने योग्य होती हैं। इमली का उपयोग सॉस, मैरिनेड, चटनी, पेय और डेसर्ट में किया जाता है।

इमली एक पारंपरिक आयुर्वेदिक दवा है, जिसका इस्तेमाल पेट दर्द, पेचिश, कब्ज, हेल्मिन्थस (कृमि) संक्रमण जैसी पेट से जुड़ी समस्याओं से बचाव में किया जा सकता है। वहीं, दूसरी ओर यह घाव भरने, मलेरिया, बुखार, सूजन और नेत्र रोगों में उपयोगी हो सकती है। इमली के औषधीय गुणों की वजह इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल्स की मौजूदगी हो सकती है।

वहीं, इमली का पेड़ एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमलेरियल और एंटी अस्थेमेटिक जैसे प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है। इतना ही नहीं, इमली में लीवर सरंक्षण, ह्रदय संरक्षण और पेट साफ करने वाले गुण भी पाए जाते हैं। इमली के इतने सारे लाभ हैं कि इसे कुदरत का चमत्कार कहा जाता है।

इमली के फायदे

बालों को स्वस्थ रखती है

इमली का सही मात्रा में सेवन करना बालों के लिए भी लाभदायक होता है। इससे बाल न केवल झड़ना बंद होते हैं, साथ ही साथ घने व काले भी रहते हैं।

खून की कमी को पूरा करती है

इमली को आयरन का एक अच्छा स्रोत माना जाता है, जिसके सेवन से हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ने लगता है। जिन लोगों को आयरन की कमी या एनीमिया जैसी समस्याएं हैं उनके लिए इमली लाभदायक सिद्ध हो सकती है।

आंखों के लिए लाभदायक है

इमली का उचित मात्रा में सेवन करने से आंखों की रोशनी में सुधार हो सकता है और साथ ही आंख संबंधी अन्य समस्याएं होने का खतरा भी कम हो जाता है। जिन लोगों को आंखों में सूजन की समस्या है उनके लिए इमली लाभदायक हो सकती है।

वजन घटाने में मददगार

वजन घटाने में इमली के उपयोग की बात करें, तो इसके बीज का इस्तेमाल लाभकारी हो सकता है। शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया है, कि इमली के बीज में ट्रिप्सिन इन्हिबिटर गुण (प्रोटीन को बढ़ाना और नियंत्रित करना) पाया जाता है।

पाचन में फायदेमंद है

विशेषज्ञों के मुताबिक इमली में कुछ ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो पाचन में सहायता करने वाले डाइजेस्टिव जूस (बाइल एसिड) को प्रेरित करने का काम कर सकते हैं। इस कारण पाचन क्रिया पहले से बेहतर तरीके से काम कर सकती है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि इमली के औषधीय गुण पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकते हैं।

Web Title: Benefits Of Tamarind: Tamarind is a panacea in the treatment of stomach ache, dysentery and constipation, know its 5 Ayurvedic benefits

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