प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (एनडीएचएम) को लॉन्च कर दिया है। यह ऐसी योजना है जिससे देश के लोगों को डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड बनाने और एक्सेस करने में सहायता मिलेगी। इसे आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के नाम से भी जाना जाएगा।
योजना को लॉन्च करते हुए मोदी ने कहा, 'आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन गरीब और मध्यम वर्ग के चिकित्सा उपचार में आने वाली समस्याओं को दूर करने में बड़ी भूमिका निभाएगा। टेक्नोलॉजी के जरिये आयुष्मान भारत द्वारा देश भर के अस्पतालों से मरीजों को जोड़ने के लिए किए गए कार्यों का और विस्तार किया जा रहा है और उन्हें मजबूत टेक्नोलॉजी प्लेटफार्म दिया जा रहा है।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन कैसे काम करेगा
इस योजना के तहत प्रत्येक भारतीय को 14 अंकों की एक यूनिक आईडी मिलेगी। इस योजना को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के नाम से भी जाना जाएगा। अब इसका नाम बदलकर प्रधान मंत्री डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (पीएम-डीएचएम) कर दिया गया है।
आधार कार्ड या लाभार्थी के मोबाइल नंबर का उपयोग करके आईडी बनाई जाएगी। इस आईडी के जरिये ही लाभार्थी का स्वास्थ्य रिकॉर्ड रखा जाएगा जिसे कहीं भी एक्सेस किया जा सकता है।
इसमें हर व्यक्ति के लिए इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड (ईएमआर) बनाया जाएगा। इससे डॉक्टरों को डेटा ट्रैक करने में आसानी होगी कि कौन से मरीज का कब और किस तरह का इलाज हुआ।
कहां शुरू होगा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन
पिछले साल 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से मोदी द्वारा घोषित आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की पायलट परियोजना अब तक छह केंद्र शासित प्रदेशों में लागू की जाएगी।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के लाभ
बताया जा रहा है कि भुगतान में बदलाव में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस की भूमिका की तरह, यह मिशन डिजिटल स्वास्थ्य तंत्र के भीतर अंतःक्रियाशीलता पैदा करेगा और लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच आसान बनाएगा।
सरकार ने कहा है कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन डेटा, सूचना और बुनियादी ढांचा सेवाओं के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार करेगा. इसके अंतर्गत सभी सेवाओं और स्वास्थ्य संबंधी व्यक्तिगत जानकारी होगी।
सभी सेवाओं को डिजिटल सिस्टम के आधार पर तैयार किया जाएगा और सूचना गोपनीय रखी जाएगी इससे सभी रिकॉर्ड को किसी भी जगह आसानी से आदान-प्रदान करना सक्षम हो जाएगा।
मिशन के प्रमुख घटकों में प्रत्येक नागरिक के लिए एक स्वास्थ्य आईडी शामिल है जिसका उपयोग उनके स्वास्थ्य खाते के रूप में भी किया जाएगा। पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड को मोबाइल एप्लिकेशन की मदद से जोड़ा और देखा जा सकता है।
हेल्थकेयर प्रोफेशनल रजिस्ट्री (HPR) और हेल्थकेयर फैसिलिटीज रजिस्ट्रियां (HFR) जो आधुनिक और पारंपरिक दोनों तरह की चिकित्सा प्रणालियों में सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के भंडार के रूप में कार्य करेगी। यह अस्पतालों, डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए व्यवसाय करने में आसानी सुनिश्चित करेगा।