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Ayurvedic Medicine For Hemoglobin: चक्कर आ रहा है, कमजोरी लग रही है तो समझ लीजिए हीमोग्लोबिन हो गया है कम, जानिए घरेलू नुस्खों से कैसे इसे बढ़ाएं

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: March 23, 2024 06:34 IST

हीमोग्लोबिन, जो लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला प्रोटीन होता है। यह हमारे शरीर के हर भाग में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है। आयुर्वेद में हीमोग्लोबिन को बढ़ाने के लिए कई जड़ी-बूटियां मौजूद हैं

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ठळक मुद्देआयुर्वेद में हीमोग्लोबिन को बढ़ाने के लिए कई जड़ी-बूटियां मौजूद हैंआयुर्वेद कहता है कि शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए आयरन युक्त भोजन करना चाहिएप्राकृतिक जड़ी-बूटियों जैसे हरड़, हाहेडा, आंवला, गिलोय के सेवन से हीमोग्लोबिन तेजी से बढ़ता है

Ayurvedic Medicine For Hemoglobin: हीमोग्लोबिन, जो लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला प्रोटीन होता है। यह हमारे शरीर के हर भाग में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है। इतना ही नहीं यह न केवल शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाता है बल्कि उसके साथ यह कोशिकाओं से कार्बन डाएऑक्साइड को हटाने और उसे फ़ेफ़ड़ों तक उसे ले जाने का काम करता है। मूल रूप से हीमोग्लोबिन हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी बहुत जरूरी प्रोटीन है, जिससे शरीर हमेशा सेहतमंद बना रहता है।

दरअसल हमारे शरीर में मौजूद आयरन का लगभग 70 फीसदी हीमोग्लोबिन में पाया जाता है, जो कि हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म को सही रखता है और इम्यूनिटी को बूस्ट करता है। इस जानकारी के पाने के बाद आप समझ ही गये होंगे कि हीमोग्लोबिन हमारे शरीर के लिए कितना अहम है।

आयुर्वेद में हीमोग्लोबिन को बढ़ाने के लिए कई जड़ी-बूटियां मौजूद हैं। आयुर्वेद कहता है कि शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए ऐसे तत्वों का सेवन करना चाहिए, जिसमें शरीर को आयरन की मात्रा भरपूर मिले। यही कारण है कि प्राकृतिक जड़ी-बूटियों जैसे हरड़, हाहेडा, आंवला, गिलोय, सोठ, पीपल आदि को आयुर्वेद हीमोग्लोबिन बूस्टर के तौर पर मानता है।

हीमोग्लोबिन की कमी के लक्षण

शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी से थकान, कमजोरी, सांस लेने में तकलीफ, त्वचा का पीलापन, हृदयगति का अनियमित होना, चक्कर आना, हल्का सिरदर्द होना, सीने में दर्द होना     और हाथ-पांव में ठंड महसूस होना जैसे कई अन्य लक्षण भी दिखाई देते हैं।

आयुर्वेद के अनुसार शरीर में बनने वाले विकृत पित्त से पोषक तत्वों की कमी हो जाती है. उसके कारण शरीर के एनीमिया की कमी हो जाती है। एनीमिया की कमी को दूर करने के लिए भोजन में आयरन की खुराक लेने या विटामिन बी12 से भरपूर खाद्य पदार्थ लेने की आवश्यक्ता होती है। आयुर्वैद में एनीमिया को दूर करने के लिए कुछ प्राकृतिक उपचार बताये गये हैं, जिनके बारे में हम आपको यहां पर बता रहे हैं।

आयरन युक्त भोज्य पदार्थ

नेशनल एनीमिया एक्शन काउंसिल के अनुसार आयरन की कमी एनीमिया और कम हीमोग्लोबिन के स्तर का एक सामान्य कारण है। इसे दूर करने के लिए मनुष्य को अपने आहार में चिकन लीवर और साबुत अंडे के अलावा हरी पत्तेदार को शामिल करना चाहिए। इसके अलावा सेब, अनार, तरबूज, कद्दू के बीज, खजूर, बादाम, किशमिश सहित फलों और सूखे मेवों को भी खाना चाहिए।

तिल के बीज

काले तिल के बीज खाने से भी आप आपने आयरन का सेवन बढ़ा सकते हैं क्योंकि ये आयरन, कैलशियम, मैग्नीशियम, कॉपर, जिंक, सेलेनियम और विटामिन बी6, ई और फ़ोलेट से भरपूर होता है। आप थोड़े पानी में इन्हें रात भर भिगो सकते हैं और अगली सुबह इस पानी को पी सकते हैं। एक चम्मच सूखे भुने काले तिल के बीज को एक चम्मच शहद में मिलाकर गोलाकार बना लें। अपने आयरन के स्तर को बढ़ाने के लिए इस पौष्टिक लड्डू का नियमित सेवन करते रहें।

चुकंदर

आयुर्वेद के अनुसार हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए चुकंदर सबसे अच्छा फल है। यह आयरन से भरपूर होता है। इसमें, पोटैशियम, फोलिक एसिड और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। आप इसकी सब्जी बनाकर खा सकते हैं या फिर इसका जूस भी पी सकते हैं। इसके अलावा, इसे इडली, चीला और सैंडविच में शामिल करके भी अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं।

सहजन की पत्तियां

सहजन की पत्तियां जिंक, आयरन, कॉपर, मैग्नीशियम जैसे मिनिरल और विटामिन ए, बी और सी से भरपूर होती हैं। अच्छी तरह से कटी सहजन की कुछ पत्तियां लीजिए और उसे पीसकर पेस्ट बना लें। इसमें एक टेबल स्पून पिसा हुआ गुड़ मिला लें। सुबह के नाश्ते के साथ इस चूर्ण का नियमित तौर पर सेवन करें जिससे अपका हीमोग्लोबिन का स्तर और लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या बढ़ती है।

काला चना

अगर किसी व्यक्ति को एनीमिया है, तो उन्हें उबले और भुने हुए काले चने आवश्यक तौर पर अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। यह हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है, जिससे शरीर में तमाम हिस्सों में ब्लड सप्लाई को बेहतर तरीके से हो पाती है।

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