2017 में सबसे ज्यादा ऑर्डर की गई बिरयानी, जानें भारत में कैसे आया ये रंग-बिरंगा पकवान
By मेघना वर्मा | Updated: January 3, 2018 15:45 IST2018-01-03T12:35:05+5:302018-01-03T15:45:22+5:30
मसालेदार चिकेन के साथ रंग-बिरंगा चावल या बिरयानी भारत का सबसे पसंदीदा व्यंजन कहा जा सकता है।

2017 में सबसे ज्यादा ऑर्डर की गई बिरयानी, जानें भारत में कैसे आया ये रंग-बिरंगा पकवान
फूड डिलीवरी ऐप के हालिया रिसर्च से सामने आया है कि 2017 में देश में सबसे ज्यादा बिरयानी का आर्डर दिया गया है। दिल्ली एनसीआर सहित सात शहरों में हुए इस सर्वे में पता चला है कि बीते साल जंक फूड की अपेक्षा लोगों ने देसी बिरयानी को अपनी पसंद बताया है और सबसे ज्यादा आर्डर किया है। मसाला डोसा, बटर नान और पनीर बटर मसाला भी इस सर्वे में सबसे ज्यादा ऑर्डर किए गए फूड आइटम में शामिल हैं।
इसमें कोई संशय नहीं कि बिरयानी ईरान से आई है। कुछ लोग ऐसा भी मानते हैं कि बिरयानी का ये सफर पश्चिमी एशिया से शुरू हुआ। बिरयानी के नाम पर भी लोगों की दो राय है। कुछ कहते हैं मूल रूप से बिरयानी एक फारसी शब्द 'बिरिंज बिरियान' से निकला है। लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो कहते हैं कि यह फ्रेंच के "बिरियान" से निकल कर आया है। ईरान में बिरयानी को धीमी आंच पर पकाया जाता है। मसालेदार चिकेन को हल्की आंच पर पकाकर उसमें आधे पके हुए चावल डाला जाता है और फिर उसे भाप से पकाया जाता है।
राजवंश के सैनिको के साथ भारत आई बिरयानी
पुराने समय में ईरान की बिरयानियों में चावल को जगह नहीं दी जाती थी। कीमा या मांस के छोटे टुकड़े को रुमाली रोटी के साथ पकाकर परोसा जाता था। इसे युद्ध में लड़ने वाले जवानों को खिलाया जाता था। ज्यादा संभावना है कि ये राजवंश के सैनिकों-नेताओं के साथ दक्षिण भारत आया। काफी बाद में जाकर यह पकवान अलग-अलग जगहों पर पहुंचा, जहां से स्थानीय स्वाद इसमें जुड़ते गए।
भारत के हर राज्य में मिलता गया नया स्वाद
भारत आने के बाद बिरयानी को हर राज्य में एक नया रंग और नया स्वाद मिलने लगा। जहां भोपाल की बिरयानी दमदार, सुगंधित और तृप्त करने वाली होती है वहीं मुरादाबादी बिरयानी अचानक से राजधानी दिल्ली में काफी बिकने लगी। दूसरी तरफ राजस्थान में इसका अलग स्वाद देखने को मिलता है। राजस्थानी बिरयानी का सबसे अच्छा उदाहरण है देग। यह लोकप्रिय अजमेर शरीफ के गरीब नवाज की दरगाह में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पकाया जाता है। जिसे बहुत ही साधारण तरीके से कम मसलों के साथ तैयार किया जाता है।
ज्यादातर जगहों पर मिलने वाली बिरयानी को केवल 'फ्राइंग पैन बिरयानी' की संज्ञा दी जा सकती है। यहां लंबे दानों वाले चावल होते हैं और उसमें पड़ने वाले केसर से बिरयानी का रंग पीला किया जाता है, लेकिन असली बिरयानी से ये बहुत अलग होता है।
बड़े होटलों या अच्छे खाने के रेस्तरां में भी बिरयानी को पारंपरिक पद्धति से कुछ अलग ढंग से पकाया जाता। वर्तमान समय में 'दम की बिरयानी' को विकसित किया गया है।

