कौन से बर्तन में क्या पकाएं, ताकि बने टेस्टी पकवान, ध्यान रखें ये 4 बातें
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: October 1, 2018 10:21 AM2018-10-01T10:21:30+5:302018-10-01T10:21:30+5:30
अगर खाना पकाते समय आपको मालूम होगा कि कौन सा पकवान किस बर्तन में सही आंच पकड़ेगा, तभी आप आसानी से स्वादिष्ट खाना बना सकते हैं।
(नरेंद्र देवांगन)
आज जब मनुष्य ने इतनी तरक्की कर ली है और तरह-तरह के बर्तनों का आविष्कार कर लिया है तो हमें यह जानना बहुत जरूरी है कि किस प्रकार का बर्तन किस प्रकार का भोजन पकाने के लिए अच्छा है और क्यों? आजकल हमारे पास अनेक किस्म के बर्तन उपलब्ध हैं जैसे मिट्टी, कांच, लोहा, तांबा, पीतल, स्टेनलेस स्टील, एल्यूमीनियम, हार्ड एल्यूमीनियम, नॉनस्टिक बर्तन आदि।
1. कांच के बर्तन
कांच के बर्तन में पका हुआ खाना रखने के लिए तो बहुत अच्छे हैं क्योंकि कांच खाद्य पदार्थो में पाए जाने वाले अम्ल, क्षार व लवण आदि से कोई प्रतिक्रिया नहीं करता लेकिन भोजन पकाने के लिए जो कांच के बर्तन उपलब्ध हैं जैसे आंच पर रखी जा सकने वाली केतली या ओवन में रखे जा सकने वाले डोंगे, वे बहुत महंगे होते हैं और टूट भी सकते हैं।
कांच ऊष्मा का अच्छा सुचालक भी नहीं है। यही कारण है कि इन बर्तनों का उपयोग आम घरों में अधिक नहीं होता है।
2. लोहे के बर्तन
लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल अनेक वर्षो से चला आ रहा है। लोहा ऊष्मा को सारे बर्तन में आसानी से बराबर बांट देता है जिसके कारण इन बर्तनों में खाद्य पदार्थ सब ओर से बराबर पकता व सिंकता है। लोहे के तवे, कड़ाही आदि का इस्तेमाल लगभग हर घर में किया जाता है।
चने, करेले, भिंडी या सूखी पत्तेदार सब्जियां बनाने के लिए तो खासतौर से लोहे की कड़ाही का प्रयोग किया जाता है। इससे ये पदार्थ न केवल आकर्षक और स्वादिष्ट बनते हैं बल्कि इनकी पौष्टिकता भी बढ़ जाती है। लोहे के बर्तन काफी सस्ते भी मिलते हैं लेकिन इन्हें साफ रखना बहुत कठिन होता है क्योंकि लोहे के बर्तनों में जल्दी ही जंग लग जाता है।
3. नॉनस्टिक बर्तन
आजकल नॉन स्टिक बर्तनों का इस्तेमाल भी काफी होने लगा है। ये बर्तन डोसा, पूडे, टोस्ट, आमलेट आदि बनाने के लिए बहुत अच्छे हैं क्योंकि इनमें खाद्य पदार्थ बर्तन के साथ चिपकता नहीं है। इन बर्तनों में धातु के आधार पर ‘टेफलान’ नामक एक विशेष पालीमर की परत चढ़ाई जाती है जिसके कारण खाद्य पदार्थो के लवण, अम्ल या क्षार धातु से प्रतिक्रिया नहीं कर सकते और भोजन सुरक्षित रहता है।
कम चिकनाई के प्रयोग से भी इन बर्तनों में व्यंजन आसानी से पक सकते हैं जिसके कारण चिकनाई से परहेज करने वाले व्यक्तियों को हल्का भोजन देने के लिए ये बर्तन बहुत उपयोगी होते हैं लेकिन ये काफी महंगे होते हैं और धातु की कड़छी, चम्मच आदि से इसकी परत में खरोंच आ सकती है या खाली बर्तन को आंच पर रख देने से यह परत पूरी तरह नष्ट हो सकती है।
इस प्रकार हर किस्म के बर्तन की अपनी अलग-अलग विशेषताएं हैं। वैसे प्रेशर कुकर या प्रेशर पैन का इस्तेमाल सबसे उत्तम है। भारी तले के भगौने, कड़ाही बहुत अच्छे माने जाते हैं लेकिन पीतल के पतीलों में खट्टे या अम्लीय पदार्थ नहीं पकाने या रखने चाहिए क्योंकि ऐसा करने से ये धातु खाद्य पदार्थ में घुलकर उसे विषैला बना देती है।
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4. स्टेनलेस स्टील
स्टेनलेस स्टील भी क्या गजब की चीज है। इसके बर्तन साफ करने कितने आसान हैं और काफी सस्ते भी मिल जाते हैं। स्टेनलेस स्टील एक मिश्रित धातु है जो लोहे में कार्बन, क्रोमियम और निकल मिलाकर बनाई जाती है। इस धातु में न तो लोहे की तरह जंग लगता है और न ही पीतल की तरह यह अम्ल आदि से प्रतिक्रिया करती है।
परंतु स्टेनलेस स्टील में ताप का संचरण बराबर नहीं होता। कहीं से ज्यादा गर्म तो कहीं से कम गर्म होता है जिसके कारण भोजन कहीं-कहीं से जल जाता है।