कोलकाताःपश्चिम बंगाल में इस साल कक्षा 12 वीं बोर्ड की परीक्षा में अब तक के सर्वाधिक 90.13 प्रतिशत छात्र-छात्राएं सफल रहे। पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद (डब्ल्यूबीसीएचएसई) की अध्यक्ष महुआ दास ने शुक्रवार को नतीजों की घोषणा करते हुए कहा कि पिछले साल 86.29 प्रतिशत छात्र सफल हुए थे।
उन्होंने बताया कि इस साल राज्य में उच्च माध्यमिक परीक्षाओं में कुल 7,61,583 छात्र-छात्राएं बैठे थे जिसमें से 6,80,057 सफल रहे। दास ने कहा, ‘‘राज्य में उच्च माध्यमिक परीक्षाओं के इतिहास में एक नया रिकार्ड बना है। ’’ उन्होंने कहा कि कम से कम 30,000 छात्रों ने 90 प्रतिशत अंक हासिल किए।
दास ने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी के कारण कई परीक्षाएं स्थगित किए जाने के मद्देनजर इस साल मेधा सूची की घोषणा नहीं की गयी। हालांकि, आकलन के मुताबिक एक छात्र को 500 में से 499 अंक मिले।’’ वेबसाइट पर जल्द ही मार्कशीट अपलोड कर दिए जाएंगे। कक्षा 12 वीं की राज्य बोर्ड की परीक्षाएं 12 मार्च को शुरू हुई थी।
महामारी के कारण 23, 25 और 27 मार्च को आयोजित होने वाली परीक्षाएं स्थगित कर दी गयी थीं। बोर्ड से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार की 12वीं की परीक्षा में कोलकाता जिला का परिणाम सबसे बेहतर रहा। जबकि ईस्ट मिदनापुर दूसरे और वेस्ट मिदनापुर तीसरे स्थान पर रहा।
पश्चिम बंगाल में इस साल कॉलेजों में ऑनलाइन माध्यम से होंगे दाखिले
पश्चिम बंगाल उच्च शिक्षा विभाग ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण राज्य में स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए इस साल दाखिले ऑनलाइन माध्यम से होंगे और छात्रों को काउंसिलिंग या दस्तावेजों के सत्यापन के लिए नहीं बुलाया जाएगा। विभाग ने बृहस्पतिवार को एक अधिसूचना में कहा कि उच्चतर माध्यमिक परीक्षा नतीजों के बाद राज्य के वित्त पोषित उच्च शिक्षण संस्थानों में स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले 10 अगस्त 2020 से ऑनलाइन माध्यम से शुरू होंगे।
अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘दाखिले की प्रक्रिया के दौरान भावी उम्मीदवारों को काउंसिलिंग या दस्तावेजों के सत्यापन के लिए नहीं बुलाया जाएगा।’’ योग्य उम्मीदवारों को कॉलेजों की ओर से ईमेल किया जाएगा और सत्यापन के दौरान सभी प्रमाणपत्र ऑनलाइन अपलोड किए जाएंगे। अधिसूचना में कहा गया है कि जब छात्र कक्षाएं लेंगे तभी दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा।
अधिसूचना पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिल बंगाल विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (एबीयूटीए) ने एक बयान में कहा, ‘‘ग्रामीण के साथ-साथ शहरी इलाकों के कई छात्रों के लिए कोविड-19 की मौजूदा स्थिति में ऑनलाइन दाखिले का लाभ उठाना संभव नहीं होगा।’’ उसने कहा, ‘‘कई ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट संपर्क कमजोर है जबकि कोलकाता समेत राज्य के कई हिस्से निषिद्ध क्षेत्र घोषित कर दिए गए हैं। निषिद्ध क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों को साइबर कैफे जाने और डेटा अपलोड करने के लिए अपनी जान खतरे में डालनी पड़ेगी।’’