देश के स्कूलों, शिक्षकों, गुणवत्ता, योजनाओं की जानकारी अब एक क्लिक पर उपलब्ध होगी। केंद्र सरकार ने देश के स्कूलों की निगरानी के कार्य को आगे बढ़ाते हुए 15 लाख स्कूलों, उनके शिक्षकों एवं कई करोड़ छात्रों को ‘शगुन’ पोर्टल से जोड़ा है । मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने स्कूली शिक्षा पर समन्वित आनलाइन जंक्शन ‘शगुन’ के तहत इस व्यवस्था की बुधवार को नई दिल्ली में शुरूआत की।
शगुन पोर्टल के माध्यम से इस योजना के लिये 15 लाख स्कूलों, 90 लाख शिक्षकों और 25 करोड़ छात्रों को जोड़ा गया है। इसके जरिये अभिभावक, शिक्षक, विद्यार्थी या आम लोग कमियों पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। इस पर जानकारी प्रतिदिन अपडेट करनी अनिवार्य होगी। मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस पोर्टल से देश के सभी स्कूलों और विद्यार्थियों को यूनिफाइड डिस्ट्रिक इन्फारमेशन ऑफ स्कूल एजुकेशन (यूडीआईएसई) से एक विशिष्ठ नंबर के माध्यम से जोड़ा गया है।
पोर्टल से मानव संसाधन विकास मंत्रालय राज्यों, सीबीएसई, केवी, जेएनवी, एनसीईआरटी, एनसीटीई, एनओआईएस, एनबीबी, सीटीएसए पर नजर रखेगा। पोर्टल से जिला स्कूल एवं प्रशिक्षण संस्थान :डायट: भी जुड़ेंगे। इसकी निगरानी ऑनलाइन होगी। सभी स्कूलों को जियो टैग से जोड़ा गया है। स्कूलों द्वारा उपलब्ध कराई जानकारी की प्रमाणिकता की पुष्टि तीसरे पक्ष से करायी जाएगी। इसके लिए तीसरा पक्ष मोबाइल ऐप बनाया गया है। इस ऐप से विद्यार्थी, शिक्षक, अभिभावक या अन्य कोई सीधे शिकायत भेज सकेगा।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत शगुन पोर्टल के माध्यम से देशभर के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई से लेकर विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी मिल सकेगी। इससे एक-दूसरे की अच्छी योजनाएं छात्रों समेत शिक्षकों को साझा करने का मौका मिलेगा। इसके माध्यम से राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेश के स्तर पर स्कूलों की ग्रेडिंग 70 मानकों पर की जायेगी । जीआईएस से स्कूलों को भी जोड़ा गया है । इसके अलावा इस पोर्टल में शिक्षकों को दिव्यांगों के 21 प्रकार के वर्गों की जानकारी भी मिलेगी।
इसके अलावा उन्हें किस प्रकार की सहायता, पढ़ाई में सहायता करनी है, उसके बारे में भी बताया जाएगा। बता दें कि शगुन पोर्टल से दो प्रकार से ऑनलाइन सेवा मिलेगी। इस पोर्टल पर स्कूल या छात्र विभिन्न जानकारियों से संबंधित वीडियो यू ट्यूब चैनल पर अपलोड भी कर सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि 'शगुन' को दो अलग-अलग शब्दों से गढ़ा गया है - 'शाला' जिसका अर्थ है स्कूल और 'गुण' जिसका अर्थ है गुणवत्ता । इस कार्यक्रम का उद्देश्य सफलता की कहानियों को प्रदर्शित करना है, इस प्रकार सभी हितधारकों को एक-दूसरे से सीखने के लिए एक मंच प्रदान करना और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच एक सकारात्मक प्रतिस्पर्धी भावना को स्थापित करना है।