EWS मामले में हजारों प्राइवेट स्कूल छिपा रहे हैं स्टूडेंट्स की संख्या, सुप्रीम कोर्ट ने कहा समिति गठित करे हाईकोर्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 22, 2020 02:57 PM2020-01-22T14:57:37+5:302020-01-22T14:57:37+5:30
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस ए नजीर तथा न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने याचिका पर संज्ञान लिया जिसमें आरोप लगाया गया है कि राज्य के हजारों स्कूल कक्षा 1 के स्तर पर इस हद तक छात्रों की संख्या छिपा रहे हैं कि शिक्षा के अधिकार (आरटीई) का मजाक बन गया है
सुप्रमी कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से राज्य में निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के बच्चों को 25 प्रतिशत आरक्षण नहीं देने संबंधी कथित गड़बड़ियों के मामले को देखने के लिए एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में तथ्यान्वेषी समिति गठित करने को कहा।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस ए नजीर तथा न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने याचिका पर संज्ञान लिया जिसमें आरोप लगाया गया है कि राज्य के हजारों स्कूल कक्षा 1 के स्तर पर इस हद तक छात्रों की संख्या छिपा रहे हैं कि शिक्षा के अधिकार (आरटीई) का मजाक बन गया है जिसके तहत ईडब्ल्यूएस श्रेणी के बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रखना अनिवार्य है।
पीठ ने कहा, गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालय के किसी पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति गठित करने पर विचार कर सकते हैं जिसमें दो या चार अन्य सदस्य हों जिनमें सरकारी सेवक और शिक्षा के क्षेत्र में अनुभव रखने वाले किसी व्यक्ति को शामिल किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि तथ्यान्वेषी समिति को आरोपों की जांच करनी होगी। समिति पहली बैठक से तीन महीने के अंदर अदालत में रिपोर्ट जमा करेगी।