5 मई को होगी NEET 2019 की परीक्षा, सफलता पाने के लिए अपनाएं ये 5 तरीके
By विकास कुमार | Updated: April 19, 2019 11:39 IST2019-04-19T11:38:11+5:302019-04-19T11:39:33+5:30
यह परीक्षा कुल तीन घंटे की होती है. फिजिक्स, केमेस्ट्री, जूलॉजी और बॉटनी हर सेक्शन से 45 सवाल पूछे जाते हैं. हर सही जवाब देने पर 4 मार्क्स मिलते हैं और गलत जवाब देने पर 1 मार्क्स नेगेटिव मार्किंग के रूप में काट लिया जाता है.

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नीट 2019 की परीक्षा 5 मई को आयोजित होने वाली है. पूरे देश में आयोजित होने वाली इस परीक्षा को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी कंडक्ट करती है.
देश भर के मेडिकल और डेंटल कॉलेज में दाखिला लेने के लिए इस परीक्षा को देना अनिवार्य होता है. NEET की परीक्षा ऑफलाइन होती है और इसमें 180 MCQ प्रश्न होते हैं.
यह परीक्षा कुल तीन घंटे की होती है. फिजिक्स, केमेस्ट्री, जूलॉजी और बॉटनी हर सेक्शन से 45 सवाल पूछे जाते हैं. हर सही जवाब देने पर 4 मार्क्स मिलते हैं और गलत जवाब देने पर 1 मार्क्स नेगेटिव मार्किंग के रूप में काट लिया जाता है. छोड़ दिए गए सवाल के लिए मार्क्स में कटौती नहीं की जाती है.
नीट 2019 की परीक्षा में बमुश्किल 15 दिन बचे हैं ऐसे में टार्गेटेड स्टडी और कुछ टिप्स को फॉलो कर आसानी से अपने मार्क्स प्रतिशत को बढ़ाया जा सकता है.
पांच टिप्स अपनाएं
- एग्जाम में मात्र 15 दिन बचे हैं इसलिए जरूरी है कि क्या पढ़ें क्या ना पढ़ें की व्याकुलता से बचा जाए और टार्गेटेड स्टडी पर ध्यान दिया जाए. एक स्टडी प्लान बनायें और रिविजन पर ज्यादा ध्यान दें. हर विषय के रिविजन पर दिन में 2-3 घंटे का समय दिया जा सकता है.
यह समय है अपने पुराने अध्ययन को फिर से रिमाइंड करने का और नए कांसेप्ट पर ध्यान देने के बजाये पढ़े हुए विषयों को फिर से रिविजन करना सबसे बेहतर विकल्प होगा.
- एग्जाम से 15 दिन पहले आपको एग्जाम के टाइमिंग की सही जानकारी होनी चाहिए. ऐसे में मॉक टेस्ट ही सबसे बेहतर विकल्प है. प्रतिदिन हर विषय का एक मॉक टेस्ट देना चाहिए. ऐसे में आपको अपने कमजोरियों और मजबूत पक्ष का अंदाजा लग जायेगा.
किस विषय पर आपकी पकड़ सबसे ज्यादा है इसका अंदाजा आसानी से लग जायेगा और एग्जाम में आप उस विषय को प्रमुखता के रूप में लेंगे. इसके अलावा किस विषय पर कितना समय देना है इसकी जानकारी भी बहुत जरूरी है क्योंकि कई बार सवाल का जवाब मालूम होते हुए भी समय की कमी के कारण प्रश्न छूट जाते हैं.
- मॉक टेस्ट में अपने द्वारा की गईं गलतियों का एनालिसिस करें. तय करें कि जहां गलतियां हो रही हैं उसका रिविजन करना है या छोड़ देना है.
- प्रीवियस इयर पेपर्स को जरूर देखें. उन सवालों को इंगित करें जो पिछले 5 वर्षों से लगातार पूछे जा रहे हैं. पिछले 10 वर्षों के सवालों को देखना बहुत जरूरी है. ऐसे में हम टार्गेटेड स्टडी द्वारा फालतू के अध्ययन से बच सकते हैं.
- कांसेप्ट क्लियर करने के लिए NCERT के किताबों की ही मदद लेनी चाहिए. ये आपको मदद कर सकता है.