MPPSC में निकिता ने किया टॉप, महज 21 साल की उम्र में बनीं डिप्टी कलेक्टर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 4, 2019 18:05 IST2019-02-04T18:03:27+5:302019-02-04T18:05:27+5:30
निकिता ने पहली बार में ही पीसीएस की परीक्षा पास की। कड़ी मेहनत और लगन से आज उन्हें डिप्टी कलेक्टर के पद के लिए चुना गया। यह परीक्षा 6 दिसंबर को आयोजित हुई थी। परीक्षा में पास हुए उम्मीदवारों का इंटरव्यू 31 दिसंबर 2018 से लेकर 23 जनवरी तक चला था। निकिता ने प्रदेश में 23वी रैंक हासिल की है।

MPPSC में निकिता ने किया टॉप, महज 21 साल की उम्र में बनीं डिप्टी कलेक्टर
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) में खरगोन शहर के कुंदा नगर में रहने वाली निकिता ने एसटी वर्ग में अपने प्रदेश में टॉप किया। एमपीपीएससी 2018 की परीक्षा के बाद 286 अफसरों को चयनित किया गया, जिसमें निकिता एसटी कैटेगरी में अव्वल रहीं।
निकिता ने पहली बार में ही पीसीएस की परीक्षा पास की। कड़ी मेहनत और लगन से आज उन्हें डिप्टी कलेक्टर के पद के लिए चुना गया। यह परीक्षा 6 दिसंबर को आयोजित हुई थी। परीक्षा में पास हुए उम्मीदवारों का इंटरव्यू 31 दिसंबर 2018 से लेकर 23 जनवरी तक चला था। निकिता ने प्रदेश में 23वी रैंक हासिल की है।
निकिता मंडलोई ने दिखाई हिम्मत
निकिता के पिता मंगल सिंह एक अध्यापक थे। किसी कारणवश सात साल पहले उनके पिता का देहांत हो गया था। पिता का देहांत हो जाने के बाद मां ने घर की जिम्मेदारी निभायी और बच्चों की परवरिश की। निकिता के पिता का सपना था कि मेरी बेटी कलेक्टर बने। पिता का सिर से साया उठने के बावजूद निकिता ने कभी हिम्मत नहीं हारी। अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने परीक्षा पास की और एमपीपीएससी परीक्षा में टॉप किया। निकिता का मानना है कि आज वो जिस मुकाम पर हैं उसका श्रेय मां और भाइयों को भी जाता है। आज पूरा मंडलोई परिवार निकिता की सफलता और मेहनत पर गर्व महसूस करता है।
इससे पहले निकिता को मिल चुका है बड़ा ऑफर
निकिता मंडली पढ़ने में बहुत होशियार रही हैंं। उन्होंने जीएसआईटीएम कॉलेज इंदौर से बॉयो मेकेनिकल में इंजीनीयरिंग की है। विदेशों से आने वाली प्राइवेट कंपनीयों से लाखों रुपये के पैकेज मिलने के बावजूद उन्होंने नौकरी को ठुकरा दिया। वहीं, पीसीएस परीक्षा के लिए ढाई साल तक तैयारी की और पहली बार में ही परीक्षा पास कर ली।