जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में जाकिर हुसैन लाइब्रेरी को तीन महीने करीब बाद खोला गया है। तीन महीने पहले जामिया की इस लाइब्रेरी में पुलिस ने प्रवेश किया था। सोशल मीडिया में वायरल हुए कई वीडियो में पुलिस छात्रों को पिटते हुए दिखी थी। इस पर पुलिस और छात्रों के दावे अलग-अलग हैं।
जामिया विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि लाइब्रेरी भवन में रीडिंग रूम छात्रों के लिए खोल दिए गए हैं। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान आगजनी और हिंसा में शामिल बाहरी लोगों को पकड़ने के लिए पुलिस ने 15 दिसंबर को यूनिवर्सिटी कैंपस में प्रवेश किया था।
Dr Zakir Hussain Library, Reading Hall has finally been renovated and opened for the students, almost 3 months after the horrors of 15.12.19Educate. Organise. Agitate. Resist.#JamiaMilliaIslamia#jamiaprotestpic.twitter.com/VCUmvomsQf— Jamia Coordination Committee (@Jamia_JCC) March 11, 2020
20 मार्च तक जामिया हिंसा की रिपोर्ट दायर करेगी दिल्ली पुलिस
दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने दिल्ली पुलिस से जामिया हिंसा मामले में रिपोर्ट दायर करने के लिए कहा है। मुख्य मेट्रोपॉलिटिन मजिस्ट्रेट गुरमोहिना कौर ने जामिया हिंसा के जांच अधिकारी से 20 मार्च तक रिपोर्ट दायर करने को कहा है। अदालत आल इंडिया स्टूडेंट असोसिएशन (एआईएसए) के सचिव चंदन कुमार की याचिका पर अदालत यह सुनवाई कर रही है।
घायल छात्र ने मांगा मुआवजा
15 दिसंबर को हुई हिंसा के मामले जामिया मिल्लिया इस्लामिया के एक छात्र मोहम्मद मुस्तफा की मुआवजा याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने 27 फरवरी को केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। इस मामले में अगली सुनवाई 20 मई को होगी। मोहम्मद मुस्तफा ने शारीरिक और मानसिक नुकसान को लेकर एक करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा है। इससे पहले दो अन्य छात्रों ने भी कोर्ट में केस दायर मुआवजा राशि की मांग की है।
जामिया हिंसा मामले में 10 छात्र अब तक करा चुके हैं बयान
20 फरवरी को जामिया मिलिया इस्लामिया के कुछ छात्रों ने दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया, जो 15 दिसंबर को विश्वविद्यालय परिसर में एक कथित पुलिस कार्रवाई के दौरान घायल हो गए थे। दिल्ली पुलिस ने बुधवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के 10 छात्रों को नोटिस देकर उनसे 15 दिसंबर की हिंसा के मामले में पूछताछ के लिए पेश होने को कहा था।