नई दिल्लीः देश के सभी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में इंजीनियरिंग दाखिले के लिए बोर्ड परीक्षा में 75 फीसदी अंकों की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार शाम को सोशल मीडिया पर संवाद के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 3 जुलाई को आईआईटी खड्गपुर जेईई एडवांस परीक्षा का आयोजन करेगा। अभी तक देश के 23 आईआईटी में दाखिले के लिए जेईई एडवांस क्वालिफाइड करने के साथ बोर्ड परीक्षा में 75 फीसदी अंकों का होना अनिवार्य होता था।
जिस कारण कई प्रतिभाशाली छात्र परीक्षा क्वालीफाई करने के बाद भी दाखिले से वंचित रह जाते थे। पोखरियाल ने कहा कि प्रतिभाशाली छात्रों को आईआईटी में दाखिला मिल सके, इसीलिए दाखिला नियमों में बदलाव करते हुए बारहवीं बोर्ड परीक्षा में 75 फीसदी अंकों की कैपिंग को हटा दिया गया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि जेईई मुख्य परीक्षा में देश भर से करीब आठ से साढे आठ लाख अभ्यार्थी परीक्षा में बैठते हैं। इसमें जेईई एड़वास परीक्षा के लिए 2 से 2.25 लाख छात्र क्वालीफाई होते हैं।
जेईई एडवांस परीक्षा देश के 23 आईआईटी में विभिन्न इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिले की प्रवेश परीक्षा होती है। सभी आईआईटी में कुल मिलाकर 20 हजार सीटे हैं और एनआईटी में 50 हजार सीटे हैं। इन 70 हजार सीटों पर दाखिले के लिए छात्रों को 20 पर्सेंटाइल या 75 फीसदी बोर्ड परीक्षा के अंक लाने जरूरी होते थे।
लेकिन 75 फीसदी अंकों की कैपिंग हटने से ऐसे 2.25 लाख छात्र जो जेईई एडवांस परीक्षा के लिए क्वालीफाई करते हैं। नए बदलाव के तहत जेईई एडवांस परीक्षा क्वालीफाई करने वाले छात्रों के लिए प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों में दाखिले के रास्ते खुल जाएंगे। अब जेईई एडवांस क्वालीफाई करने वाले ऐसे छात्र जो 12वीं कक्षा में पास हुए होंगे, उनको मेरिट के आधार पर सीट अलॉट होगी