दिल्ली यूनिवर्सिटी के इतिहास में पहली बार खुली किताब से घर बैठे छात्र देंगे ऑनलाइन परीक्षा

By एसके गुप्ता | Updated: May 14, 2020 18:16 IST2020-05-14T18:16:20+5:302020-05-14T18:16:20+5:30

उत्तर-पूर्वी राज्यों के दूरगम क्षेत्र और गांव में बैठे छात्रों के लिए दो घंटे की परीक्षा में क्या गारंटी है कि वहां इंटरनेट और बिजली की दिक्कत नहीं आएगी। विश्वविद्यालय के करीब 45 फीसदी छात्र दिल्ली से बाहर के हैं, इनमें से कई किताबों और नोट्स के बिना अपने-अपने राज्यों में गए हैं।

Delhi University students sitting at home from an open book will take online exams | दिल्ली यूनिवर्सिटी के इतिहास में पहली बार खुली किताब से घर बैठे छात्र देंगे ऑनलाइन परीक्षा

डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) और नॉन कॉलेजिएट ऑफ वूमेन एजुकेशन बोर्ड जो रेगुलर मोड पर नहीं चलते हैं।

Highlightsदिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार छात्र खुली किताब से घर बैठे ऑनलाइन परीक्षा देंगे। कोविड-19 परिस्थितियों में छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार छात्र खुली किताब से घर बैठे ऑनलाइन परीक्षा देंगे। डीयू के डीन एग्जामिनेशन प्रो. विनय गुप्ता ने कहा है कि कोविड-19 परिस्थितियों में छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। स्नातक और परास्नातक के छात्रों के लिए जुलाई में आयोजित होने वाली अंतिम वर्ष की वार्षिक/ सेमेस्टर परीक्षा का शेड्यूल इस माह के अंत डीयू की वेबसाइट पर विषयवार जारी कर दिया जाएगा।

छात्रों से अपील की गई है कि वह किसी वाट्सअप या सोशल मीडिया की जानकारी को सही न मानें केवल डीयू वेबसाइट पर जारी सूचना और परीक्षा शेड्यूल को ही सही मानें। उन्होंने यह भी कहा है कि छात्र खुली किताब से परीक्षा दे सकेंगे इसका यह मतलब नहीं है कि परीक्षा आसान हो गई है और छात्र इसे हल्के में लें। परीक्षा के लिए पढाई और तैयारी जरूरी है। छात्र परीक्षा को गंभीरता से लें क्योंकि यह उनके भविष्य का सवाल है।

प्रो. विनय गुप्ता ने कहा है कि डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) और नॉन कॉलेजिएट ऑफ वूमेन एजुकेशन बोर्ड जो रेगुलर मोड पर नहीं चलते हैं। इनमें पढने वाले स्नातक और परास्नातक के छात्र भी जुलाई में होने वाली परीक्षा के लिए रेगुलर छात्रों के साथ परीक्षा फार्म भरें। यह परीक्षाएं दिन में तीन शिफ्टों में होंगी और रविवार के दिन भी परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। ऐसा दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार होगा। छात्र घर से और कहीं से भी बैठकर अपने मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर या आईपैड पर यह परीक्षा दे सकते हैं।

डीयू एग्जिक्यूटिव काउंसिल के सदस्य डा. राजेश कुमार ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि छात्र खुली किताब रखकर ऑनलाइन परीक्षा देंगे, यह सही नहीं है। क्योंकि ओपन बुक एग्जाम का कॉन्सेप्ट अलग है। जिसके लिए पेपर सेटिंग खास तरह की होती है। इसके अलावा इंटरनेट की सुविधा सभी छात्रों के पास नहीं है। इस तरह की परीक्षा आयोजन के लिए छात्र और शिक्षकों की ट्रेनिंग जरूरी है। 

दूसरा, इंटरनेट हर जगह नहीं है, 40 फीसदी छात्र अभी भी ऑनलाइन कक्षाओं में उपस्थित नहीं हैं। जम्मू कश्मीर में तो 2 जी नेटवर्क है। उत्तर-पूर्वी राज्यों के दूरगम क्षेत्र और गांव में बैठे छात्रों के लिए दो घंटे की परीक्षा में क्या गारंटी है कि वहां इंटरनेट और बिजली की दिक्कत नहीं आएगी। विश्वविद्यालय के करीब 45 फीसदी छात्र दिल्ली से बाहर के हैं, इनमें से कई किताबों और नोट्स के बिना अपने-अपने राज्यों में गए हैं। विश्वविद्यालय को इन पहलुओं पर भी सोचना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों के लिए यह भी सही नहीं है कि पूर्व की परीक्षाओं के आकलन पर उन्हें उत्तीर्ण कर दिया जाए। क्योंकि अंतिम परीक्षा में छात्र अपना बेस्ट परफॉर्म करते हैं।

Web Title: Delhi University students sitting at home from an open book will take online exams

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